रायपुर। बदलते दौर में आध्यात्मिकता और नेतृत्व को लेकर युवाओं की रुचि में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसी भावना को आत्मसात करते हुए “स्पिरिचुअल यूथ लीडरशिप कार्यक्रम” को लेकर युवाओं ने स्वयं पहल करते हुए एक विशेष बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में कार्यक्रम की रणनीति, गतिविधियों और क्रियान्वयन पर गंभीर चर्चा की गई।

बैठक में मौजूद युवा प्रतिनिधियों ने यह स्पष्ट किया कि आध्यात्मिकता केवल साधना नहीं, बल्कि समाज में सार्थक परिवर्तन लाने का माध्यम बन सकती है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं के भीतर छिपी नेतृत्व क्षमता को सामने लाने में अहम भूमिका निभाएगा।

कार्यक्रम संयोजक गुलशन मानसरोवर और जितेंद्र बघेल ने बताया, “हमारा प्रयास है कि युवाओं को ऐसा मंच मिले, जहाँ वे न केवल आत्मबोध करें, बल्कि समाज में जागरूक नेतृत्व की भूमिका भी निभा सकें। यह पहल हमारी प्रतिबद्धता का पहला मजबूत संकेत है।”

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आगामी कार्यक्रमों में कार्यशालाएं, संवाद सत्र, ध्यान शिविर और सामुदायिक सेवा गतिविधियाँ शामिल की जाएंगी। इसका उद्देश्य युवाओं में मानसिक संतुलन, भावनात्मक समझ और सामाजिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देना है।

छत्तीसगढ़ी समाज के चेयरमैन डॉ. सत्यजीत साहू इस अभियान के मुख्य प्रेरणास्त्रोत हैं। युवाओं का कहना है कि डॉ. साहू की दूरदर्शी सोच और मार्गदर्शन से यह पहल नई ऊँचाइयाँ छू सकती है।

स्पिरिचुअल यूथ लीडरशिप कार्यक्रम की तैयारियाँ तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और जिस तरह से युवा खुद इसमें भागीदारी निभा रहे हैं, यह आयोजन न सिर्फ प्रेरणादायक होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक नई दिशा और सोच प्रदान करेगा।