बिलासपुर। हाईकोर्ट में राज्य की सड़कों पर मवेशियों और अतिक्रमण को लेकर चल रही जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि सड़कों से अतिक्रमण हटाने का काम जारी है और सड़क सुरक्षा को लेकर नई गाइडलाइन तैयार की जा रही है। यह गाइडलाइन जल्द लागू की जाएगी और सख्ती से पालन कराया जाएगा।

मवेशियों को लेकर हो रहे हैं हादसे
लंबे समय से चल रही इस जनहित याचिका में कहा गया है कि शहरों की मुख्य सड़कों और हाईवे पर खुले में मवेशी घूमते रहते हैं, जिससे लगातार हादसे हो रहे हैं। पूर्व में इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने निर्देश दिए थे कि राज्य सरकार एक ठोस कार्य योजना बनाए और उसका पालन सुनिश्चित करे।
समस्या के स्थायी समाधान के लिए हो रहा प्रयास
मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा ने पूर्व में हुई सुनवाई में सरकार से यह जानना चाहा था कि उनके पिछले आदेशों पर क्या कार्रवाई की गई है। इस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि सड़कों से मवेशियों को हटाने और समस्या से स्थायी समाधान के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर तैयार की जा रही है, लेकिन ड्राफ्ट अब तक अंतिम रूप नहीं ले सका है। इसके लिए सरकार ने 15 दिन का अतिरिक्त समय मांगा है।
यह याचिका अधिवक्ता पलाश तिवारी और अधिवक्ता सुनील ओटवानी के माध्यम से राजेश चिकारा और संजय रजक द्वारा दायर की गई थी। इसमें सड़क किनारे घूमते मवेशियों और अतिक्रमण के कारण बढ़ती दुर्घटनाओं की ओर अदालत का ध्यान आकर्षित किया गया था। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव को यह आदेश दिया गया था कि वे एक नया हलफनामा दाखिल करें, जिसमें यह बताया जाए कि प्रदेश में सड़क किनारे मवेशियों की निगरानी और रोकथाम के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। इसके तहत रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, बस्तर और सरगुजा संभाग के आयुक्तों से क्षेत्रवार सर्वे रिपोर्ट मंगाई गई थी, जिसमें मवेशियों की समस्या, जागरूकता अभियानों और ग्राम पंचायतों व नगरीय निकायों द्वारा की गई बैठकों की जानकारी दी गई है।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया है कि सड़क सुरक्षा और मवेशियों की रोकथाम को लेकर ठोस पहल की जा रही है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए राज्य से फाइनल रिपोर्ट पेश करने को कहा है।