0 नक्सल मुक्त बस्तर बनाने की दिशा में छवि तैयार करने का हो रहा प्रयास

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद ऐसा मुद्दा है जो अक्सर देश भर में चर्चा का विषय बना रहता है। नक्सल की इस समस्या को जड़ से खत्म करने का बीड़ा राज्य ही नहीं केंद्र सरकार ने भी उठा लिया है और साल भर में यह लक्ष्य हासिल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम भी शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में नक्सलियों के खात्मे और आत्म समर्पण के बीच आज बस्तर के ऐसे इलाकों में भी पहुंच आसान हो गई है, जहां नक्सलियों का एक छत्र साम्राज्य था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ऐसे इलाकों का दौरा कर यह दर्शाने का प्रयास किया है कि बस्तर शनैः-शनैः नक्सल मुक्त होता जा रहा है।

नवा रायपुर में एक न्यूज एजेंसी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा को सवाल-जवाब के सत्र में एक सुझाव मिला कि क्यों न बस्तर में विधानसभा का एक सत्र और कैबिनेट की बैठक आयोजित की जाये ताकि नक्सलमुक्त होते जा रहे बस्तर की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छवि बने, इस सुझाव के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि बस्तर में कैबिनेट की बैठक और विधानसभा का एक सत्र लगाने की वे खुद भी योजना तैयार कर रहे हैं, और उन्होंने इस सुझाव से मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को अवगत भी करा दिया है। उनका पूरा प्रयास रहेगा कि बस्तर में विधानसभा की बैठक हो और बस्तर के हित में वहां फैसले भी हों।

‘बहुत ही खूबसूरत है बस्तर’

गृहमंत्री विजय शर्मा ने यह भी कहा कि लोग बस्तर को क्या समझते हैं मैं नहीं जनता मगर बस्तर बहुत ही खूबसूरत जगह है। और यहां का दीदार प्रदेश ही नहीं देशभर के लोग कर सकें ऐसा वातावरण बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है।

‘नियद नेल्लानार योजना को मिल रही है सफलता’

गृहमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि बस्तर में विष्णुदेव साय सरकार की नियद नेल्लानार योजना की मांग लगातार बढ़ रही है। बस्तर में जिन इलाकों में भी सुरक्षा बलों के कैंप लग रहे हैं उसके आसपास के गांवों में विकास कार्य तेजी से कराये जा रहे हैं।

नक्सलमुक्त गांव को विकास के लिए मिलेंगे 1 करोड़ रूपये

सरकार ने यह घोषणा की है कि जो भी गांव नक्सलमुक्त हो जायेंगे वहां के विकास के लिए सरकार पूरे 1 करोड़ रूपये देगी। दरअसल सरकार के पास प्रत्येक गांव की जानकारी उपलब्ध है, इसके तहत गांव से जुड़े कितने शख्स नक्सली बन गए हैं और कौन इनके संगठन मिलिशिया आदि से जुड़े हैं, यह सूची भी बनी हुई है। ग्रामीणों से कहा गया है कि वे अपने लोगों को समझाकर समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए कहें और उनका समर्पण कराएं। जिस दिन गांव से जुड़े संबंधित लोग जंगल छोड़ देंगे, गांव को नक्सलमुक्त घोषित करते हुए वहां विकास कार्य कराये जायेंगे।

‘जनता चाहती है, नक्सलवाद समाप्त हो’

विजय शर्मा ने बताया कि बस्तर की जनता चाहती है कि उनके यहां से नक्सल की समाप्ति हो। बीते कई वर्षों से नक्सलियों के आतंक के चलते यहां के कई इलाकों में बिजली, पानी, सड़क की व्यवस्था नहीं है। वहां सिंचाई के कोई साधन नहीं हैं, अस्पताल नहीं है। सरकार चाहती है कि बस्तर में भी विकास की गंगा बहे। सरकार ने मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए भी योजना शुरू की है, जिसके तहत कंपनियों को इलाके में मोबाइल टावर लगाने के लिए सहयोग किया जा रहा है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बस योजना भी शुरू की जा रही है, जिसके तहत बस्तर के नक्सलमुक्त होते जा रहे इलाकों में लोगों के आवागमन के लिए बस की सुविधा भी शुरू की जा रही है। बस्तर के अंदरूनी इलाकों में हालात ये हैं कि वहां के युवाओं ने आज तक ट्रेन भी नहीं देखि है। ऐसे युवाओं और बच्चों को राजधानी तक की सैर कराई जा रही है, और इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने यहां के भटके हुए लोगों को समाज की मुख्य धारा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें।

नक्सलियों से वार्ता के लिए सरकार हमेशा है तैयार

प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि नक्सलियों ने वार्ता करने की अपील की है, इसके लिए सरकार तैयार है, मगर कोई भी शर्त नहीं चलेगी। नक्सली स्थान बता दें, वार्ताकार का नाम बता दें, सरकार उनसे बात कर लेगी, तब जो भी बिंदु तय होंगे उसका पालन किया जायेगा। उन्होंने नक्सलियों से हथियार छोड़ने की अपील भी की।

नक्सल और घोटालों को लेकर राज्य बदनाम

विजय शर्मा ने स्वीकार किया कि देश में छत्तीसगढ़ राज्य की छवि घोटालों और नक्सलियों के चलते बदनाम हो गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार घोटालों को लेकर सख्त कार्यवाही कर रही है, वहीं लगातार प्रयास के बाद नक्सल की समस्या फिलहाल बस्तर के बॉर्डर के इलाके तक सिमट कर रह गई है, इसे भी साल भर के अंदर दूर कर लिया जायेगा। उन्होंने हाल ही में पंडुम का जिक्र करते हुए बताया कि इस विशाल आयोजन को गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। इसमें लोगों की सहभागिता बताती है कि वे भी नक्सलमुक्त बस्तर चाहते हैं।