रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने व्यापारियों और उद्यमियों को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार ने अस्थायी बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है। अब व्यापारियों को कागजी झंझट या सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे – सब कुछ होगा घर बैठे, सिर्फ कुछ क्लिक में।

राज्य सरकार के स्टेट सिंगल विंडो पोर्टल पर यह नई सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके जरिए कोई भी व्यापारी अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकता है। इस पहल से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि व्यवसायियों को समय और लागत की बचत भी होगी। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल को उद्यमियों और व्यापारियों ने खूब सराहा है।

घर बैठे आवेदन, रीयल-टाइम ट्रैकिंग की सुविधा

नई प्रणाली के तहत व्यवसायी अब घर बैठे ही स्टेट सिंगल विंडो पोर्टल पर अस्थायी बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की स्थिति को रीयल-टाइम में ट्रैक करने की सुविधा ने प्रक्रिया को और भी पारदर्शी बना दिया है। पहले जहां कागजी कार्रवाई और कई दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, वहीं अब यह काम कुछ ही क्लिक में पूरा हो जाएगा। स्वचालित सिस्टम यह सुनिश्चित करता है कि सभी नियामक आवश्यकताएं पूरी हों, जिससे त्रुटियों की संभावना कम हो और ऑडिट प्रक्रिया भी सरल हो।

बिजनेस करना आसान बनाना हमारा लक्ष्य : मुख्यमंत्री

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ में व्यवसाय करना आसान और सुगम हो। इस ऑनलाइन सिस्टम के जरिए हमने अस्थायी बिजली कनेक्शन की प्रक्रिया को न केवल तेज किया है, बल्कि इसे पारदर्शी और व्यवसायी-अनुकूल भी बनाया है। यह ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की दिशा में एक बड़ा कदम है, जो हमारे राज्य में निवेश और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।

उद्यमियों ने सराहा निर्णय

सीएम ने कहा, इस डिजिटल प्रणाली ने कागजी कार्रवाई और बार-बार सरकारी दफ्तरों के दौरे की जरूरत को खत्म कर दिया है, जिससे प्रशासनिक खर्चों में भारी कमी आई है। छोटे और मझोले उद्यमी, जो पहले जटिल प्रक्रियाओं से जूझते थे, अब इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। रायपुर के एक युवा व्यवसायी हरीश पटेल ने बताया, पहले कनेक्शन लेने में कई हफ्ते लग जाते थे, लेकिन अब यह काम कुछ ही दिनों में हो जाता है। सरकार का यह कदम वाकई सराहनीय है।

सरकारी विभागों और व्यवसायियों दोनों को फायदा

यह सिस्टम न केवल तेज और सुगम है, बल्कि पूरी तरह नियमों के अनुरूप भी है। डिजिटल रिकॉर्ड-कीपिंग से ऑडिट प्रक्रिया आसान हो गई है, जिससे सरकारी विभागों और व्यवसायियों दोनों को फायदा होगा। सरकार का कहना है कि यह डिजिटलीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। भविष्य में अन्य सरकारी सेवाओं को भी इसी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने की योजना है। छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल से न केवल व्यवसायियों को राहत मिली है, बल्कि यह राज्य को निवेश के लिए और आकर्षक बनाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। यह प्रणाली निश्चित रूप से नए छत्तीसगढ़ के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।