नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज गुरुवार को फिर सुनवाई शुरू हुई। इस दौरान केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट किया।

वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी सुनवाई हुई। देश के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 5 मई को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वक्फ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति न हो। इसपर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार अभी नियुक्ति नहीं करने वाली है।
केंद्र का जवाब आने तक यथास्थिति बनी रहेगी: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव न हो। सरकार के जवाब तक यथास्थिति बनी रहेगी। इसके साथ ही अगले आदेश तक नई नियुक्तियां भी नहीं होंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि जब मामला कोर्ट में लंबित है तो कोर्ट को यह सुनिश्चित करना होगा कि मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव न हो। सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और आश्वासन दिया कि बोर्ड या काउंसिल में कोई नियुक्ति नहीं होगी।
अदालत ने ये भी कहा कि वक्फ बाय यूजर में भी कोई बदलाव नहीं होगा। बता दें कि वक्फ कानून के खिलाफ 70 से ज्यादा याचिकाएं कोर्ट में दायर की गई है। इस मामले पर 5 मई को अगली सुनवाई होगी।
मुख्य पांच आपत्तियों पर ही सुनवाई करेगी अदालत
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे पांच बिंदु तय करने होंगे, जिनपर सुनवाई होगी। 110-120 फाइलें पढ़ना संभव नहीं। नोडल काउंसिल के जरिए आपत्तियों को तय किया जाए। इस मामले पर 5 मई को अगली सुनवाई होगी।
पहले दिन की सुनवाई की बात करें तो कपिल सिब्बल ने वक्फ कानून के खिलाफ अपनी कई दलीलें पेश की थीं। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी व्यक्त की कि गैर मुस्लिमों को वक्फ बोर्ड का हिस्सा बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने यहां तक कहा था कि स्टेट कैसे तय करेगी कि हमें हमारी विरासत किसे देनी है, कैसे रखनी है। सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई के दौरान दोनों ही पक्षों के सामने कई मौकों पर सवाल रखे थे।
वक्फ कानून को लेकर क्या है आपत्ति?
विरोध का सबसे बड़ा आधार यह है कि मुस्लिम संगठनों को लग रहा है कि इस नए कानून की वजह से सरकारी हस्तक्षेप बढ़ जाएगा। मुस्लिम समाज में कुछ लोगों का मानना है कि अब सरकार तय करेगी कि आखिर कौन सी प्रॉपर्टी वक्फ है और कौन सी नहीं। इसके ऊपर सरकार द्वारा लाए गए कानून का सेक्शन 40 कहता है कि वक्फ बोर्ड इस बात का फैसला लेगा कि किसी जमीन को वक्फ का माना जाए या नहीं। अब यहां पर विवाद इस बात को लेकर है कि अब यह फैसला लेने की ताकत किसी वक्फ ट्रिब्यूनल के पास ना होकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के पास होगी।