हैदराबाद/नई दिल्ली। साउथ सुपरस्टार महेश बाबू इन दिनों एक बड़े कानूनी पचड़े में फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में समन भेजा है। मामला दो रियल एस्टेट कंपनियों साई सूर्या डेवलपर्स और सुराना ग्रुप से जुड़ा है, जिन पर वित्तीय धोखाधड़ी और अनियमितता के गंभीर आरोप हैं।

इन दोनों कंपनियों के प्रोजेक्ट्स के प्रमोशन से महेश बाबू जुड़े हुए थे। ईडी अब उनकी इस एंडोर्समेंट डील की गहराई से जांच कर रही है, जो करीब 5.9 करोड़ रुपये की बताई जा रही है।
कैसे मिला भुगतान?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस डील के तहत महेश बाबू को 3.4 करोड़ रुपये चेक के जरिए और 2.5 करोड़ रुपये नकद में दिए गए थे। ईडी को शक है कि नकद भुगतान मनी लॉन्ड्रिंग की योजना का हिस्सा हो सकता है। इसी संदर्भ में महेश बाबू को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है।
ईडी के सवालों के घेरे में महेश बाबू
सूत्रों के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय यह जानने की कोशिश कर रहा है कि महेश बाबू को नकद भुगतान कैसे और किन परिस्थितियों में मिला। साथ ही यह भी जांच का विषय है कि क्या एक्टर को इन प्रोजेक्ट्स की वित्तीय स्थिति और उनकी वैधता के बारे में कोई जानकारी थी।
फिलहाल महेश बाबू या उनकी टीम की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। जांच जारी है, और बॉलीवुड व टॉलीवुड दोनों की निगाहें अब इस मामले की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।