रायपुर। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) द्वारा जारी किए गए 56 करोड़ रुपये के कैटरिंग टेंडर को दिल्ली हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। यह टेंडर आरके एसोसिएट्स एंड होटलियर्स प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। अदालत ने पाया कि कंपनी ने अपने खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी, जो निविदा शर्तों और पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।

मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेदेला की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि टेंडर प्रक्रिया में निष्पक्षता नहीं बरती गई। अदालत ने टिप्पणी की, “यह पूरा आवंटन प्रक्रिया निविदा नियमों का उल्लंघन करते हुए हुई है, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा का सिद्धांत आहत हुआ है।”

यह मामला तब सामने आया जब दीपक एंड कंपनी नामक एक अन्य बोलीदाता, जिसने इस ठेके के लिए 41 करोड़ रुपये की निविदा दी थी, दीपक एंड कंपनी ने अप्रैल 2024 में आरके एसोसिएट्स को मिले अनुबंध को चुनौती दी। याचिका में कहा गया कि आरके एसोसिएट्स ने वर्ष 2015 में दर्ज एक आपराधिक मामले की जानकारी छिपाई, जिसमें रेलवे अधिकारियों और कुछ लाइसेंसधारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे।

भले ही उस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा रखी हो, लेकिन कोर्ट ने माना कि इंटीग्रिटी पैक्ट के तहत कंपनी को उस जानकारी को सामने लाना अनिवार्य था। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले तीन सालों तक सीमित खुलासे की बात केवल अनुबंध की एक विशेष धारा के लिए थी, और पारदर्शिता की दृष्टि से किसी भी समय के उल्लंघन की जानकारी देना आवश्यक है।

ट्रांसपेरेंसी पर हाईकोर्ट का जोर
अदालत ने यह निर्णय लेते हुए सार्वजनिक संस्थाओं के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही की अहमियत पर जोर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की चूक IRCTC को बोलीदाता की विश्वसनीयता का सही मूल्यांकन करने से रोकती है। साथ ही, अदालत ने कलकत्ता हाईकोर्ट के एक पुराने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि “भले ही उल्लंघन तीन वर्ष से पुराने हों, अगर वे भरोसे पर असर डालते हैं, तो उनकी जानकारी देना जरूरी है।”

हालांकि, अदालत ने दीपक एंड कंपनी के इस आरोप को खारिज कर दिया कि IRCTC ने आरके एसोसिएट्स को इंटीग्रिटी पैक्ट में बाद में गवाहों के हस्ताक्षर जोड़ने की अवैध अनुमति दी। कोर्ट ने माना कि प्रारंभ में जमा दस्तावेज ही वैध थे।

तीन महीने में नई टेंडर प्रक्रिया शुरू करने का आदेश
अदालत ने अप्रैल 2024 में जारी अनुबंध पत्र को रद्द करते हुए IRCTC को निर्देश दिया है कि वह आगामी तीन महीनों में नई निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करे। साथ ही, सेवा में कोई व्यवधान न हो, इसलिए आरके एसोसिएट्स को नया कॉन्ट्रैक्ट मिलने तक अस्थायी रूप से सेवाएं जारी रखने की अनुमति दी गई है।

इस निर्णय का असर देशभर के कई रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों की पैंट्री सेवाओं पर पड़ सकता है, जहां यह कंपनी वर्तमान में कार्यरत है।