टीआरपी डेस्क। पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और आतंकी हमलों की पृष्ठभूमि में केंद्र सरकार ने 54 वर्षों के अंतराल के बाद एक बार फिर देशभर में हवाई हमलों से बचने के लिए मॉक ड्रिल कराने का निर्णय लिया है। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा अभ्यास (मॉक ड्रिल) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं।

गृह मंत्रालय के अनुसार, यह मॉक ड्रिल संभावित हवाई हमलों की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमता को परखने के उद्देश्य से की जा रही है। इस तरह की ड्रिल आखिरी बार वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान कराई गई थी।
ड्रिल के अंतर्गत लिए जाने वाले प्रमुख कदमों में शामिल हैं:
- हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन बजाना
- नागरिकों, विशेषकर छात्रों को सिविल डिफेंस का प्रशिक्षण देना
- मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट की स्थिति बनाना
- महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को छिपाने हेतु पूर्व उपाय अपनाना
- लोगों को सुरक्षित निकालने की योजना का अभ्यास करना
यह मॉक ड्रिल ऐसे समय में हो रही है जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव चरम पर है।
पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा किए गए इस हमले के बाद नियंत्रण रेखा पर लगातार 11 रातों से गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश देते हुए इन हमलों का सख्त और निर्णायक जवाब दिया है।