इस्लामाबाद/नई दिल्ली। पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी भ्रामक और बेबुनियाद बयानबाज़ी को लेकर घिर गया है। हाल ही में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के पांच लड़ाकू विमान गिराने के पाकिस्तान के दावे पर जब विदेशी मीडिया ने सवाल उठाए, तो पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ कोई ठोस जवाब नहीं दे सके। उल्टा, उनके बयान ने खुद पाकिस्तान की पोल खोल दी।

सोशल मीडिया को बना दिया सबूत
दरअसल एक इंटरव्यू में विदेशी मीडिया एंकर ने ख्वाजा आसिफ से पूछा कि पाकिस्तान का दावा है कि उसने भारत के पांच लड़ाकू विमान गिराए हैं, लेकिन इसका क्या सबूत है? इस सवाल के जवाब में ख्वाजा आसिफ सकपका गए और उन्होंने कहा कि ये पूरे सोशल मीडिया पर छाया हुआ है और खुद भारतीय मीडिया यह स्वीकार कर रहा है। हालांकि भारत या भारत के किसी भी मीडिया की तरफ से ऐसी कोई बात नहीं की गई है।
ख्वाजा आसिफ ने बेतुका बयान देते हुए कहा कि ‘ये बात पूरे सोशल मीडिया में छाई हुई है। वो भी भारतीय मीडिया पर, न कि हमारे मीडिया पर। विमानों के मलबे कश्मीर में पड़े हैं।’ इस पर एंकर ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री को टोकते हुए कहा कि हम यहां सोशल मीडिया के कंटेंट पर बात करने के लिए नहीं हैं। एंकर ने पाकिस्तानी रक्षा मंत्री से सबूत मांगे और ये भी पूछा कि विमानों को कथित तौर पर गिराने के लिए किन उपकरणों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन ख्वाजा आसिफ कुछ न बता सके।
चीन को लेकर जवाब में झल्लाहट
एंकर ने पूछा कि क्या पाकिस्तान की तरफ से किसी चीनी उपकरण का इस्तेमाल किया गया? इस पर भी पाकिस्तानी रक्षा मंत्री बातों की जलेबी बनाते रहे और कहा कि किसी चीनी उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया गया, लेकिन फिर ये भी कहा कि हमारे पास चीन के जेफ-17 और जेएफ-10 जैसे लड़ाकू विमान हैं। ये चीनी लड़ाकू विमान हैं, लेकिन इनका निर्माण पाकिस्तान में ही होता है। ख्वाजा आसिफ ने अपनी खीझ छिपाते हुए कहा कि अगर भारत, फ्रांस से विमान खरीदकर उनका इस्तेमाल कर सकता है तो फिर हम भी चीन या रूस या अमेरिका से विमान खरीदकर उनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
आतंकी संगठनों की फंडिंग वाली बात को भी किया स्वीकार
उल्लेखनीय है कि हाल ही में ख्वाजा आसिफ ने खुद अपने मुंह से स्वीकार किया था कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों की फंडिंग करता रहा है। ख्वाजा आसिफ ने एक विदेशी मीडिया चैनल के साथ बातचीत में स्वीकारा कि ‘हम लंबे समय से ये गंदा काम कर रहे हैं। हमने अमेरिका के लिए तीन दशकों तक ये काम किया।’ ख्वाजा आसिफ ने माना कि ये एक गलती थी और इसकी वजह से पाकिस्तान को ही नुकसान उठाना पड़ा है।