बेंगलूरु। कर्नाटक में ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) अवैध खनन मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गंगावती के भारतीय जनता पार्टी विधायक जी जनार्दन रेड्डी को राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

अदालत ने दी है कठोर कारावास की सजा
गत छह मई को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने रेड्डी और तीन अन्य को लौह अयस्क के अवैध निष्कर्षण और निर्यात से जुड़े एक दशक पुराने मामले में दोषी पाया। अदालत ने उन्हें सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई और प्रत्येक पर 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
विधानसभा सचिवालय ने जारी की अधिसूचना
कर्नाटक विधानसभा सचिवालय ने शुक्रवार को एक अधिसूचना जारी करके रेड्डी को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(ई) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया।अयोग्यता दोषसिद्धि की तारीख से प्रभावी होगी और रिहाई की तारीख से अतिरिक्त छह साल तक लागू रहेगी, जब तक कि किसी सक्षम अदालत की ओर से रोक नहीं लगाई जाती।

वर्ष 2008 से 2011 के बीच बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में मंत्री रहे रेड्डी काफी अंतराल के बाद 2023 में गंगावती से जीतकर विधानसभा में लौटे थे। उनकी अयोग्यता के कारण निर्वाचन क्षेत्र के लिए उपचुनाव कराना पड़ेगा।
क्या है अवैध खनन का मामला..?
ओएमसी मामला देश के सबसे हाई-प्रोफाइल अवैध खनन मामलों में से एक है, जिसमें बड़े पैमाने पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया गया और राज्य के खजाने को काफी राजस्व का नुकसान हुआ।
पूर्व मंत्री और उनके साथियों ने कानून तोड़ा- कोर्ट
इस केस में जांच एजेंसियों ने बताया कि जनार्दन रेड्डी की कंपनी ने सीमा के बाहर जाकर भी खनन किया और इसके लिए जरूरी अनुमति नहीं ली थी। इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान हुआ। अब कोर्ट ने माना कि पूर्व मंत्री और उनके साथियों ने कानून तोड़ा और इसलिए उन्हें सात साल की कैद और जुर्माना भी भरना होगा।
घोटाले की रकम का कई देशों में किया निवेश
पूर्व मंत्री रेड्डी पर भारत में घोटाला कर उन पैसों का कई देशों में निवेश करने का आरोप है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पांच सितंबर 2011 को रेड्डी और उनके रिश्तेदार बी.वी श्रीनिवास रेड्डी को बेल्लारी से गिरफ्तार किया था। श्रीनिवास रेड्डी ओबलापुरम माइनिंग कंपनी (ओएमसी) के प्रबंध निदेशक थे। इस कंपनी पर खनन पट्टे के सीमांकन को बदलने और बेल्लारी आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध खनन करने का आरोप है।