टीआरपी डेस्क। जब देश पाकिस्तान के साथ युद्ध जैसे हालात का सामना कर रहा है, तब एयरलाइंस कंपनियों ने इस संकट को कमाई का जरिया बना लिया है। केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद राजधानी दिल्ली से देश के विभिन्न शहरों के लिए हवाई किराए आसमान छू रहे हैं। यात्रियों को दो से तीन गुना महंगे टिकट खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है।

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली से रांची जैसे शहरों के लिए हवाई किराया ₹37,000 तक पहुंच चुका है जो सामान्य दिनों की तुलना में तीन गुना से भी ज्यादा है। पर्वतीय इलाकों से लौट रहे पर्यटक, छुट्टियों पर घर जा रहे छात्र और संकटग्रस्त लोग अब खुद को एयरलाइंस की इस मुनाफाखोरी के आगे बेबस पा रहे हैं।
दिल्ली से रांची की फ्लाइट का किराया सामान्य से तीन गुना ज्यादा यानी ₹37,000 तक पहुँच गया है। यही नहीं, दिल्ली से भोपाल ₹16,626, लखनऊ ₹13,573, पटना ₹10,234 से ₹12,045, इंदौर ₹14,907 और बेंगलुरु तक ₹17,001 तक का किराया वसूला जा रहा है। दिल्ली से रायपुर के लिए 10 मई तक कोई सीट उपलब्ध नहीं है।
यात्रियों का कहना है कि एयरलाइंस ने आपातकाल को मुनाफे का मौका बना लिया है। सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि संकट काल में हवाई किराए को नियंत्रित रखा जाए, लेकिन हकीकत यह है कि न कोई नियंत्रण दिखा, न कोई राहत। एयरलाइंस कंपनियों ने पूरी तरह से मनमानी करते हुए हजारों यात्रियों की जेब पर सीधा वार किया है।
ऐसे समय में जब सरकार और सुरक्षा बल देश की रक्षा में जुटे हैं, निजी एयरलाइंस का यह रवैया नीति और नैतिकता दोनों के खिलाफ है। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या सरकार इस मनमानी के खिलाफ ठोस कार्रवाई करेगी या फिर यात्रियों को ही इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी?