टीआरपी डेस्क। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एप्पल के सीईओ टिम कुक से बातचीत के दौरान भारत में उत्पादन को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। ट्रंप ने कहा कि भारत में मोबाइल प्रोडक्ट्स बनाने की जरूरत नहीं है, वो खुद अपना देख लेंगे। उनके इस बयान ने भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों को लेकर नई चिंता खड़ी कर दी है।

ट्रंप का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब एप्पल चीन से बाहर निकलकर भारत को अपने प्रमुख उत्पादन केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है। उन्होंने टिम कुक पर दबाव डाला कि एप्पल को अमेरिका में ही मैन्युफैक्चरिंग बढ़ानी चाहिए। कतर में दिए गए एक बयान में ट्रंप ने स्पष्ट कहा, अमेरिका नहीं चाहता कि टिम कुक भारत में निर्माण करें।
भारत बन रहा है एप्पल का मैन्युफैक्चरिंग हब
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों में भारत एप्पल आईफोन निर्माण का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरा है। चीन में अमेरिकी प्रतिबंधों और टैरिफ वॉर के चलते एप्पल ने अपना उत्पादन भारत की ओर शिफ्ट करना शुरू किया। 2023-24 में भारत में करीब 22 बिलियन डॉलर मूल्य के आईफोन बनाए गए, और इस साल कंपनी ने 60% अधिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक बाज़ार पहले ही प्रभावित
डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ-प्रेरित व्यापार नीति पहले ही वैश्विक बाजारों पर नकारात्मक असर डाल चुकी है। अब अगर अमेरिका एप्पल जैसी कंपनियों को भारत में उत्पादन से रोकता है, तो इससे भारत की औद्योगिक विकास दर को झटका लग सकता है। साथ ही, देश के लाखों युवाओं के रोजगार पर संकट मंडरा सकता है।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ट्रंप के बयान को यदि औपचारिक नीति में बदला गया, तो भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को बड़ा झटका लग सकता है। दूसरी ओर, अमेरिका में चुनावी वर्ष के मद्देनजर यह बयान घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भी देखा जा रहा है।