एक लाश को ठिकाने लगाने के चक्कर में पूरी इमारत में आग लगा दी

जोहान्सबर्ग। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने ये कबूल किया कि पिछले साल उसने ड्रग डीलर के आदेश पर एक लाश को अपार्टमेंट परिसर में ठिकाने लगाने के चक्कर में पूरी इमारत में आग लगा दी थी, जिसमें 76 लोगों की जान चली गई थी। अब पुलिस उस पर 76 लोगों की हत्या का मामला चलाएगी।

यह चौंकाने वाला कबूलनामा तब आया जब वह व्यक्ति अगस्त में जोहान्सबर्ग में रात के समय लगी आग के कारणों की सार्वजनिक जांच में गवाही दे रहा था, जिसमें 76 लोगों की मौत हो गई थी। ये दक्षिण अफ्रीका की सबसे भयानक घटनाओं में से एक थी। अपनी गवाही के दौरान 29 वर्षीय व्यक्ति जिसका नाम नहीं बताया गया ने कहा कि उसने आग लगने वाली रात इमारत के बेसमेंट में एक व्यक्ति की पिटाई और गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद उस व्यक्ति के शरीर पर गैसोलीन डाला और माचिस से उसे जला दिया था।

उसने गवाही में ये भी माना कि वह नशीली दवाओं का सेवन करता था और इमारत में रहने वाले एक तंजानियाई दवा विक्रेता ने उसे उस व्यक्ति को मारने के लिए कहा था। पुलिस ने कहा कि उस व्यक्ति की गवाही के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने एक बयान में कहा कि उस पर हत्या के प्रयास के 120 मामले और आगजनी का भी आरोप है।

कबूलनामे का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं

यह व्यक्ति इसी इमारत का निवासी था इसलिए एक गवाह के तौर पर गवाही दे रहा था कि इमारत में आग किस कारण से लगी और किन सुरक्षा विफलताओं के कारण इतने सारे लोग मारे गए थे। लेकिन उसके कबूलनामा ने सभी को चौंका दिया।

जांच के प्रभारी पैनल ने आदेश दिया कि उसकी गवाही के बाद उसकी पहचान नहीं की जाएगी और गवाहों से पूछताछ का नेतृत्व कर रहे एक वकील ने कहा कि उसके कबूलनामे का इस्तेमाल उसके खिलाफ नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक आपराधिक सुनवाई नहीं थी। उन्हें “मिस्टर” कह कर संबोधित किया गया। जो शहर के मार्शलटाउन जिले में पांच मंजिला इमारत में आग लगने का कारण बना, जिसमें कम से कम 12 बच्चों सहित दर्जनों लोग मारे गए थे। 80 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

इस घटना ने दुनिया का ध्यान जोहान्सबर्ग शहर की लंबे समय से चली आ रही “जर्जर इमारतों” की समस्या की ओर आकर्षित किया है। इमारत का मालिकाना हक जोहान्सबर्ग शहर के पास था, लेकिन इस पर कुछ लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। इमारत में रहने वाले कई लोग अप्रवासी थे जिन पर अवैध रूप से दक्षिण अफ्रीका में रहने का संदेह था, जिनसे ये लोग अवैध वसूली करते थे।

इमारत था अपराध का अड्डा

अपनी गवाही में उस आदमी ने बताया कि इमारत अपराध का अड्डा था जिसे ड्रग डीलरों द्वारा चलाया जा रहा था। उन्होंने यह भी दावा किया कि आग लगने से पहले इमारत के तहखाने में और भी शव थे। दक्षिण अफ़्रीकी पुलिस ने पांच महीने पहले लगी आग के कुछ दिनों बाद एक आपराधिक मामला खोला था लेकिन किसी को गिरफ़्तार नहीं किया गया था।

आपातकालीन सेवा के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पाया कि इमारत में आग से बचने के अधिकांश हिस्से को उस रात ताला लगा दिया गया था या जंजीरों से बंद कर दिया गया था, जिससे यह और भी खतरनाक हो गया था।

कूदने के कारण हाथ-पैर और पीठ टूट गई

प्रत्यक्षदर्शियों और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, कुछ लोग बचने के लिए खिड़कियों से बाहर कूद गए थे। कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें अपने शिशुओं और बच्चों को बाहर फेंकना पड़ा, इस उम्मीद में कि नीचे के लोग उन्हें पकड़ लेंगे। घायलों में से कई को खिड़कियों से बाहर कूदने के कारण हाथ-पैर और पीठ टूट गई थी। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने इस घटना की जांच के आदेश दिया थे, जो अक्टूबर में आपातकालीन सेवा कर्मियों की गवाही सुनकर शुरू हुई, जो वहां मौजूद थे।