रायपुर। राजधानी के अधूरे पड़े प्रोजेक्ट स्काई वॉक को पूरा करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट कर दिया गया है कि यह फुट ओवरब्रिज ही रहेगा। स्काईवाक का ढांचा सात साल से कबाड़ की तरह खड़ा है। शासन ने स्पष्ट कर दिया है कि इसके डिजाइन तथा पूरे प्लान में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा। इसके लिए 37 करोड़ रूपये की शासन से स्वीकृति मिल गई है।

कांग्रेस सरकार ने लगा दी थी नर्माण पर रोक

पीडब्लूडी ने आज राजधानी के स्काईवाक के अधूरे काम को पूरा करने का आदेश जारी कर दिया है। लगभग 7 साल बाद इस पर फिर से काम शुरू होने वाला है। रमन सिंह सरकार में जिस ड्राइंग डिजाइन के प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिला था, उसी आधार पर स्काई वॉक के निर्माण होगा। कांग्रेस सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी। जो साय सरकार में पूरा होने जा रहा है।

इस निर्माण कार्य का ठेका पीएसएए कंस्ट्रक्सन प्रा लि को दिया गया है। जिसे 20% अधिक दर पर यह ठेका 37 करोड़ 75 लाख 70 हजार 682 रूपये की दर से इस अधूरे निर्माण को पूरा करने की स्वीकृति शासन से मिली है।

दरासल पिछली कांग्रेस सरकार ने स्काई वॉक का खासा विरोध किया था और निर्माण पर रोक लगा दी थी। कांग्रेस सरकार ने स्काईवाक पर विचार के लिए एक हाईलेवल कमेटी बना दी गई लेकिन आखिर तक यह तय नहीं हो पाया कि स्काईवाक का ढांचा तोड़ा जाए, या फिर इसे पूरा कर लिया जाए। भाजपा सरकार ने भी करीब सालभर के मंथन और तकनीकी टेस्टिंग के बाद सहमति दी। पीडब्लूडी विभाग ने टेंडर फाइनल कर इसका काम पुराने डिजाइन पर ही दोबारा शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश में कुछ शर्तें भी दी गई हैं। देखें आदेश :