रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन के संकल्प को ज़मीन पर उतारने के उद्देश्य से मुंगेली जिले के नवपदस्थ कलेक्टर कुंदन कुमार लगातार विभिन्न प्रशासनिक विभागों की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में आज उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरणों पर गहरी नाराजगी जाहिर की।

बैठक के दौरान कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि समय-सीमा के भीतर प्रकरणों का निराकरण न करना कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही है। उन्होंने अपर कलेक्टर एवं भू-अभिलेख प्रभारी अधिकारी सहित लोरमी, मुंगेली, पथरिया, सरगांव, जरहागांव व लालपुर थाना के SDM, तहसीलदार व नायब तहसीलदारों समेत कुल 21 अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर ने दो टूक चेतावनी दी कि सात दिन के भीतर सभी लंबित प्रकरणों, विशेषकर एक वर्ष से अधिक पुराने मामलों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि बार-बार रिमाइंडर के बावजूद प्रकरणों का लंबित रहना शासन के निर्देशों की अवहेलना और आमजन के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिन अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें अपर कलेक्टर गिरधारी लाल यादव, लोरमी SDM अजीत पुजारी, मुंगेली SDM पार्वती पटेल, पथरिया SDM अजय शतरंज, तहसीलदार शेखर पटेल, छाया अग्रवाल, कमल किशोर पाटनवार, कुणाल पांडेय, अतुल वैष्णव, प्रभारी तहसीलदार महेत्तर प्रसाद कौशिक, अतिरिक्त तहसीलदार चंद्रकांत राही, नायब तहसीलदार शांतनु तारम, चंद्रप्रकाश सोनी, हरिशचंद्र यादव, प्रकृति ध्रुव, चंद्रकांत चंद्रवंशी, भू-अभिलेख अधीक्षक ऋचा गुप्ता, विकास गढ़ेवाल, मुकेश कुमार वर्मा, भूमिका तिवारी और इंद्र कुमार सिंह शामिल हैं।
सभी अधिकारियों से सात दिवस के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिला पंचायत CEO प्रभाकर पांडेय, अपर कलेक्टर मेनका प्रधान समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।