नेशनल डेस्क। लंबे समय से बकाया महंगाई भत्ते (DA) की मांग कर रहे पश्चिम बंगाल के लाखों सरकारी कर्मचारियों को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति संजय करोल और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह तीन माह के भीतर कर्मचारियों को 25 प्रतिशत बकाया DA का भुगतान करे। यह आदेश अंतरिम राहत के तौर पर जारी किया गया है, बाकी दावों पर सुनवाई आगे जारी रहेगी।

जानें क्या है मामला?
पश्चिम बंगाल में लंबे समय से सरकारी कर्मचारियों और राज्य सरकार के बीच महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) को लेकर टकराव चल रहा था। कर्मचारियों का आरोप था कि राज्य सरकार केंद्र के समान DA दरें लागू नहीं कर रही है, जिससे उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है। यह मामला पहली बार 2022 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अब तक करीब 18 बार इसकी सुनवाई टल चुकी थी।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजय करोल और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने शुक्रवार को राज्य सरकार को तीन महीने के भीतर कर्मचारियों को 25% बकाया DA का भुगतान करने का अंतरिम आदेश जारी किया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अंतरिम राहत है और आगे की सुनवाई में बाकी दावों पर भी विचार होगा।
कर्मचारियों में जश्न का माहौल
इस फैसले के बाद पश्चिम बंगाल के लाखों सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी खुश हैं। कर्मचारियों ने इसे “हक की जीत” बताते हुए कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वे वर्षों से आर्थिक समानता और सम्मान की लड़ाई लड़ रहे थे, जो अब न्याय के रास्ते पर आगे बढ़ी है।
सरकार की जिम्मेदारी बढ़ी
अब देखना यह होगा कि पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर किस गति से अमल करती है। तीन महीने की समयसीमा में भुगतान करना अनिवार्य है और इस आदेश को टालना अब राज्य सरकार के लिए आसान नहीं होगा।