Operation Sindoor: नई दिल्ली। विदेश सचिव विक्रम मिसरी पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद हुए भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष पर सोमवार 19 मई को एक संसदीय समिति को जानकारी देंगे। यह बैठक भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाने और उसके बाद दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष की पृष्ठभूमि में हो रही है।

Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए सहमत हुए। मिसरी सोमवार और मंगलवार को कांग्रेस सदस्य शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति को भारत और पाकिस्तान के संबंध में विदेश नीति की मौजूदा स्थिति” के बारे में जानकारी देंगे।
Operation Sindoor: भाजपा के राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता वाली जल संसाधन समिति को विभिन्न सरकारी विभागों के अधिकारियों द्वारा बाढ़ परिदृश्य, नदी तटों के संरक्षण, मिट्टी के कटाव, मानसून के दौरान राहत उपायों, सीमा पार बहने वाली नदियों सहित अन्य मुद्दों पर जानकारी दी जाएगी।
Operation Sindoor: दो चरणों में सांसदों को ब्रीफ करेंगे मिसरी
सांसदों के 7 डिलिगेशन अलग-अलग देशों की यात्रा पर रहेंगे। यात्रा पर जाने से पहले विक्रम मिसरी दो चरणों में सांसदों को ब्रीफ करेंगे। संसद भवन में डेलीगेशन को ब्रीफ किया जाएगा। बीफ्रिंग का पहला चरण 20 मई को होगा जिसमें श्रीकांत शिंदे, कनिमोझी और संजय झा के नेतृत्व वाले तीन डेलिगेशन शामिल होंगे। ब्रीफिंग के बाद ये तीन ग्रुप 21 से 23 मई के बीच विदेश दौरे पर रहेंगे।
Operation Sindoor: दूसरे चरण की ब्रीफिंग 23 मई को
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे चरण की ब्रीफिंग 23 मई को होगी। इसमें सुप्रिया सुले, बैजयंत पांडा, रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर की अगुवाई वाले चार अलग-अलग डेलिगेश को विक्रम मिसरी ब्रीफ करेंगे। ये ग्रुप 23 से 25 मई के बीच विदेश दौरा करेगा। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में सांसदों का एक डेलिगेशन अमेरिका, पनामा, गुयाना, कोलंबिया और ब्राजील दौरे पर रहेगा।
Operation Sindoor: ऑपरेशन सिंदूर को भी ब्रीफ करेंगे
विक्रम मिसरी ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ प्रेस ब्रीफिंग में भी शामिल रहे थे। पूरे ऑपरेशन के बारे में उन्होंने देश को विस्तार से जानकारी दी थी। पाकिस्तान के हर झूठ का भी खुलासा किया था। ऐसे में विदेश जाने वाले सांसदों को भी वह ब्रीफ कर भारत का मजबूत पक्ष वह उनके सामने रखेंगे। डेलीगेशन उनके अपने सवाल भी पूछ सकेगा।