टीआरपी डेस्क। पाकिस्तान में आतंकवाद और उसके नेटवर्क को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उजागर करने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत सात संसदीय प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) गठित किए हैं। इन डेलिगेशन में विभिन्न दलों के 51 सांसदों को शामिल किया गया है, जिनका उद्देश्य दुनिया के अलग-अलग देशों में जाकर भारत का पक्ष मजबूती से रखना है।

हालांकि इस पहल में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भाग लेने से इनकार कर दिया है और अपने सांसद यूसुफ पठान का नाम वापस ले लिया है। पठान का नाम प्रारंभिक सूची में शामिल था, लेकिन अब वह इस डेलिगेशन का हिस्सा नहीं होंगे।
TMC ने क्यों किया इनकार?
TMC के वरिष्ठ राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पार्टी राष्ट्रहित में सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कूटनीति करना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है और उसे यह कार्य अपने स्तर पर ही करना चाहिए।
कौन-कौन हैं डेलिगेशन में शामिल?
सरकार द्वारा बनाए गए सात डेलिगेशन में शामिल 51 सांसदों में विभिन्न दलों के बड़े नेता शामिल हैं, जैसे:
- बीजेपी: बैजयंत जय पांडा, रविशंकर प्रसाद
- कांग्रेस: शशि थरूर
- जेडीयू: संजय कुमार झा
- शिवसेना: श्रीकांत शिंदे
- डीएमके: कनिमोझी करुणानिधि
- राकांपा-सपा: सुप्रिया सुले
इन प्रतिनिधिमंडलों का मकसद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करना और भारत की स्थिति को स्पष्ट रूप से रखना है।