CG Coal Levy Scam Breaking: Ranu Sahu, Saumya Chaurasia and Sameer Vishnoi will be released tomorrow, relief given in all listed cases of Chhattisgarh coal levy scam case

CG Coal Levy Scam Breaking: रायपुर। Ranu Sahu, Saumya Chaurasia and Sameer Vishnoi will be released tomorrow: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले के आरोपियों-सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और अन्य को अंतरिम जमानत दी। आरोपियों की ओर मामले की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, मुक्ता गुप्ता, सिद्धार्थ अग्रवाल,शशांक मिश्रा ने की। आरोपी पक्ष के अधिवक्ताओं ने अंतरिम जमानत की शर्तों की जानकारी देते हुए बताया कि जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने अपने समक्ष सूचीबद्ध सभी मामलों में अंतरिम जमानत दी। कोर्ट की जमानती प्रक्रिया होने के बाद शुक्रवार 30 मई को निलंबित आईएएस रानू साहू, समीर विश्नोई और राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया की रिहाई के लिए आवेदन प्रस्तुत किया जाएगा। इस आदेश से छत्तीसगढ़ एसीबी,ईओडब्ल्यू और ईडी द्वारा दर्ज डीएमएफ मामलों में भी सूचीबद्ध आरोपियों को जमानत का लाभ प्राप्त होगा।

CG Coal Levy Scam Breaking: अब तक क्या क्या हुआ

इस साल मार्च में छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाले के मामले में पूर्व सिविल सेवक सौम्या चौरसिया, रानू साहू और अन्य को अंतरिम जमानत दी गई थी, और मई की शुरुआत में आरोपी-लक्ष्मीकांत तिवारी, मनीष उपाध्याय और पारेख कुर्रे को अंतरिम जमानत दी गई थी, लेकिन डीएमएफ घोटाले में दर्ज एक मामले जैसे अन्य मामलों में आरोपियों ने जमानत के लिए कुछ नई जमानत याचिकाएं दायर की थीं। अब जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने अपने समक्ष सूचीबद्ध सभी मामलों में अंतरिम जमानत दी।

CG Coal Levy Scam Breaking: अंतरिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश

उल्लेखनीय है कि जमानत की शर्तों के तहत कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी-सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, सौम्या चौरसिया और समीर विश्नोई छत्तीसगढ़ में नहीं रहेंगे। जस्टिस सूर्यकांत ने तर्क दिया, “ये ऐसे व्यक्ति हैं जो जांच को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।” आदेश इस प्रकार दिया गया: “याचिकाकर्ताओं को अगले आदेश तक अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया जाता है, बशर्ते कि वे ट्रायल कोर्ट की संतुष्टि के लिए जमानत बांड प्रस्तुत करें। सूर्यकांत तिवारी, रानू साहू, समीर विश्नोई और सौम्या चौरसिया के मामले में, यह निर्देश दिया जाता है कि वे अगले आदेश तक छत्तीसगढ़ राज्य में नहीं रहेंगे, सिवाय इसके कि वे आवश्यकतानुसार जांच एजेंसी या ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि, वे अपनी रिहाई के 1 सप्ताह के भीतर राज्य के बाहर अपने रहने के पते प्रस्तुत करें। वे अपने रहने के स्थान की सूचना अधिकार क्षेत्र के थाने को दें। यदि याचिकाकर्ता गवाहों से संपर्क करने और/या उन्हें किसी भी तरह से प्रभावित करने या सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास करते पाए जाते हैं, तो इसे अंतरिम जमानत की रियायत का दुरुपयोग माना जाएगा। याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे अंतरिम जमानत पर रिहा होने के तुरंत बाद अपने पासपोर्ट विशेष अदालतों में जमा करें कि, वे जांच में शामिल होंगे और पूरा सहयोग करेंगे।