नेशनल डेस्क । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार दौरे के दौरान एक बड़ी सुरक्षा चूक की आशंका से हड़कंप मच गया। 29 मई को पीएमओ के एक अधिकारी को वॉट्सऐप पर जान से मारने की धमकी दी गई। मामला सामने आते ही एनआईए, आईबी और गृह मंत्रालय ने मिलकर तत्काल जांच शुरू की और महज चार घंटे में आरोपी समीर रंजन को गिरफ्तार कर लिया गया।

कैसे मिला सुराग?

पीएमओ के अधिकारी को वॉट्सऐप पर धमकी भरा मैसेज मिला। जांच एजेंसियों ने तकनीकी विश्लेषण के जरिए मैसेज की लोकेशन ट्रैक की, जो बिहार के भागलपुर जिले के सुल्तानगंज थाना क्षेत्र की निकली। इसके बाद भागलपुर पुलिस और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर आरोपी को धर दबोचा।

आरोपी ने फर्जी सिम से भेजा था मैसेज

जांच में सामने आया कि धमकी वाला मैसेज फर्जी दस्तावेजों के जरिए लिए गए सिम से भेजा गया था, जो एक बुजुर्ग मंटू चौधरी के नाम पर रजिस्टर्ड था। आरोपी ने जानबूझकर अपनी पहचान छिपाने के लिए यह रास्ता अपनाया।

कौन है आरोपी समीर रंजन?

  • नाम: समीर रंजन
  • उम्र: 35 वर्ष
  • निवास: महेशी गांव, थाना सुल्तानगंज, भागलपुर
  • शिक्षा: बीसीए पास
  • पृष्ठभूमि: कोविड से पहले नौकरी करता था, लेकिन महामारी के बाद से बेरोजगार है
  • मानसिक स्थिति: पुलिस के मुताबिक आरोपी मानसिक तनाव और आर्थिक संकट से जूझ रहा था

एजेंसियों की मुस्तैदी से टला बड़ा खतरा

प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े इस मामले में एजेंसियों की तत्परता से एक बड़ा खतरा टल गया। धमकी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और केंद्रीय एजेंसियों ने तालमेल के साथ तेजी से कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्त में ले लिया। यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती का एक और उदाहरण बन गया है।