टीआरपी डेस्क। भारत सरकार ने डिजिटल इंडिया को और मजबूती देने के लिए एक नई और क्रांतिकारी योजना शुरू की है वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन। इस पहल का उद्देश्य देशभर में जमीनों का डिजिटल रजिस्ट्रेशन करना है, जिसमें हर भूखंड को एक यूनिक लैंड पार्सल आइडेंटिफिकेशन नंबर (ULPIN) मिलेगा एक तरह से जमीन का आधार कार्ड। बता दें कि केंद्र सरकार ने 117 साल पुराने रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 में बदलाव की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने रजिस्ट्रेशन बिल 2025 का मसौदा तैयार किया है। इस पर 25 जून तक सुझाव मांगे गए हैं।

क्या है वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन योजना?

इस योजना के तहत देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमीन के दस्तावेजों और रजिस्ट्रेशन को डिजिटलीकृत और केंद्रीकृत किया जाएगा। जमीन की सारी जानकारी एक सेंट्रल डेटाबेस में उपलब्ध होगी, जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और रियल टाइम एक्सेस संभव हो पाएगा।

  • इस डेटाबेस को आईपी-बेस्ड टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा ताकि रिकॉर्ड सुरक्षित, त्वरित और हर स्थान से उपलब्ध हो सकें।
  • योजना के अंतर्गत नेशनल जेनेरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम (NGDRS) को राज्यों की भूमि रिकॉर्ड प्रणालियों से जोड़ा जाएगा।

ULPIN: जमीन का आधार नंबर

हर जमीन को एक 14 अंकों का यूनिक नंबर (ULPIN) दिया जाएगा। यह नंबर उस जमीन की पहचान बन जाएगा और डिजिटल भूमि रिकॉर्ड को सुलभ व पारदर्शी बनाएगा।

ULPIN से होने वाले लाभ

  • घर बैठे मोबाइल या कंप्यूटर पर अपनी जमीन की जानकारी देख सकेंगे।
  • किसी भी राज्य में जमीन खरीदना-बेचना अब आसान और एक समान प्रक्रिया होगी।
  • जमीन के विभाजन पर हर हिस्से को नया ULPIN मिलेगा, जिससे भ्रम और विवाद की संभावना खत्म होगी।
  • यह नंबर प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी सरकारी योजनाओं से भी जुड़ा रहेगा।

ड्रोन से होगी जमीन की नाप-जोख

सरकार जमीन की सटीक माप के लिए अब ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल कर रही है। इससे:

  • माप प्रक्रिया पारदर्शी और धोखाधड़ी रहित होगी।
  • नापी गई जमीन की जानकारी एक डिजिटल पोर्टल पर अपलोड की जाएगी, जिसे कोई भी देख सकेगा।

डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के 3C फायदे

सरकार ने डिजिटल भूमि दस्तावेज़ों के लाभों को 3C फॉर्मूला के तहत परिभाषित किया है:

  1. Centralization of Record– सभी रिकॉर्ड एक केंद्रीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर होंगे।
  2. Convenience of Record– जानकारी एक क्लिक पर, कहीं से भी एक्सेस की जा सकेगी।
  3. Collection of Record– रिकॉर्ड का संग्रहण और अपडेटेशन आसान होगा।

क्या बदल जाएगा इस योजना से?

  • रजिस्ट्रेशन में पारदर्शिता और तेजी आएगी।
  • भूमि विवादों में भारी कमी आएगी।
  • भ्रष्टाचार और अवैध कब्जों पर लगाम लगेगी।
  • जमीन से जुड़ी योजनाओं का सीधा लाभ किसानों और आम नागरिकों को मिलेगा।

डिजिटल इंडिया की ओर एक बड़ा कदम

वन नेशन, वन रजिस्ट्रेशन योजना न सिर्फ भारत के भूमि रजिस्ट्रेशन सिस्टम को आधुनिक बनाएगी, बल्कि यह डिजिटल इंडिया मिशन के विजन को भी मजबूत करेगी। भूमि सुधार के इस नए युग में आम जनता को जमीन से जुड़ी जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी और व्यवस्था अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और भरोसेमंद बनेगी।