बिलासपुर। बटालियन में तैनात एक आरक्षक ने तीन युवकों को हाईकोर्ट में नौकरी लगाने का झांसा दिया, और तीनों से 16 लाख रुपए वसूल लिए। इस रकम को लेकर लेकर आरक्षक पिछले 18 महीने से फरार है। इधर, कॉन्स्टेबल की ठगी के शिकार लोगों ने मामले की शिकायत पुलिस की, जिस पर पुलिस ने आरोपी आरक्षक पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

हाइकोर्ट में पहुंच का दिया हवाला

यह मामला सकरी थाना क्षेत्र का है। टीआई प्रदीप आर्य ने बताया कि डोमन पाटिल सकरी बटालियन में कांस्टेबल के पद पदस्थ है। इस दौरान उसकी पहचान ग्राम घुरु निवासी मोहम्मद शहबाज खान, मनीष कौशिक और विकास कौशिक से हुई। डोमन ने अपने रिश्तेदार की पहुंच हाईकोर्ट में होने की बात कही। साथ ही उनकी नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाया। इसके एवज में उन्हें पैसे खर्च करने की भी बात कही। जिस पर तीनों बेरोजगार युवक उसके झांसे में आ गए।

रुपए के साथ दस्तावेज भी सौंपे

युवकों ने साल 2023-24 में अलग-अलग किस्तों में आरक्षक डोमन पाटिल को 16 लाख रुपए दे दिए। डोमन के कहने पर उन्होंने अपने सभी दस्तावेज भी उसे सौंप दिए, लेकिन डेढ़ साल इंतजार करने के बाद भी न तो उन्हें नौकरी मिली, न ही आरक्षक की कोई खबर मिली। युवकों ने बताया कि पैसे लेने के बाद आरक्षक डोमन पाटिल गायब हो गया। पिछले 18 महीने से वो उनकी तलाश कर रहे हैं। कई बार बटालियन भी गए। लेकिन, उसका पता नहीं चला। बताया गया कि वो नौकरी में भी नहीं आ रहा है। जिससे परेशान होकर युवकों ने मामले की शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने उनकी रिपोर्ट पर आरक्षक के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।

आरक्षक डोमन पाटिल लंबे समय से फरार है। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि उसने अन्य लोगों से भी रुपए ले लिया होगा। आरोपी आरक्षक मूल रूप से बेमेतरा जिले के ग्राम करमाल का रहने वाला है। वह अपने गांव में भी नहीं है। फिलहाल, पुलिस केस दर्ज कर उसकी तलाश कर रही है।