नई दिल्ली। पूर्वोत्तर भारत इन दिनों प्रकृति के प्रकोप से कराह रहा है। सिक्किम, असम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश और उसके बाद आई बाढ़ व भूस्खलन ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित कर दिया है। सड़कें टूटी पड़ी हैं, सैकड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं और कई जिंदगियां खतरे में हैं।

सिक्किम में भूस्खलन में तीन जवान शहीद, छह लापता

सोमवार को सिक्किम के छतेन इलाके में एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन की चपेट में आने से सेना के तीन जवानों की मौत हो गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब लगातार बारिश के चलते लाचेन के पास भारी भूस्खलन हुआ। घटना के बाद छह जवान लापता हैं, जिनकी तलाश अब भी जारी है। अब तक चार जवानों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जबकि तीन के शव बरामद किए जा चुके हैं।

1000 से अधिक पर्यटक फंसे, रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा

बारिश और भूस्खलन के कारण राज्य में सड़कों का संपर्क टूट गया है, जिससे करीब 1,000 से ज्यादा पर्यटक अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए हैं। सेना और आपदा प्रबंधन टीमें युद्धस्तर पर इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिशों में जुटी हैं, लेकिन खराब मौसम बचाव कार्य में रुकावट डाल रहा है।

असम और मिजोरम में भी संकट गहराया

असम में लगातार बारिश ने कई इलाकों को जलमग्न कर दिया है। राज्य में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग विस्थापित हो चुके हैं। वहीं मिजोरम में भूस्खलन और मिट्टी धंसने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। एहतियातन सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

अरुणाचल प्रदेश में एयरलिफ्ट कर बचाए गए 14 लोग

अरुणाचल प्रदेश की दिबांग घाटी में आई बाढ़ के दौरान बोमजीर नदी के किनारे फंसे 14 लोगों को वायुसेना के Mi-17 हेलीकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट किया गया। यह ऑपरेशन बेहद जोखिम भरा था, लेकिन समय रहते इन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया।

हालात पर कड़ी नजर, राहत कार्य तेज

सेना, वायुसेना और राज्य आपदा बल लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और बारिश की संभावना जताई है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं। सरकार और प्रशासन की कोशिश है कि जान-माल की हानि को हर संभव रोका जा सके।