टीआरपी डेस्क। अब सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को अस्पताल पहुंचाने और उनका समय पर इलाज कराने की राह और आसान हो गई है। भारत सरकार की कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025 के तहत घायल के इलाज पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का खर्च सरकार उठाएगी, और खास बात यह है कि इसके लिए न बीमा पॉलिसी की जरूरत होगी और न ही एडवांस जमा करने की।

यह योजना इंदौर के सभी अस्पतालों में लागू की जा रही है। मरीज को तत्काल इलाज मिल सके, इसके लिए अस्पतालों को योजना में पंजीयन कराना आवश्यक है। इस व्यवस्था के तहत अस्पतालों को मरीज के इलाज का भुगतान सरकार की ओर से सीधे किया जाएगा।
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर सभी अस्पताल संचालकों की बैठक ली और निर्देश दिया कि तीन दिन के भीतर सभी अस्पताल अपना पंजीयन पूरा कर लें, जिससे अगले सात दिनों में योजना पूरी तरह लागू की जा सके।
बता दें, भारत सरकार ने 5 मई को कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम-2025 की शुरुआत की थी। यह योजना पूरे देश में सड़क हादसों में घायल लोगों को त्वरित और नि:शुल्क चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
हर महीने 2000 से ज्यादा सड़क हादसे
इंदौर जिले में हर महीने औसतन 2,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इनमें समय पर इलाज न मिलने के कारण कई लोगों की जान चली जाती है। इलाज के लिए एडवांस या बीमा दस्तावेज मांगने के चलते कई बार उपचार में देर होती है। लेकिन अब इस योजना के तहत सात दिनों तक इलाज के खर्च की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी।
घायल की मदद करने पर 25,000 रुपये का पुरस्कार
राज्य सरकार ने ‘राहवीर योजना’ के तहत दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाले मददगार को ₹25,000 का नकद पुरस्कार देने का प्रावधान भी किया है। इसका उद्देश्य है कि लोग घायलों की सहायता के लिए आगे आएं और दुर्घटना के बाद ‘गोल्डन आवर’ में समय पर इलाज मिल सके।