राजनांदगांव। डोंगरगढ़ में पिछले दिनों एक वाहन को भारी मात्रा में चावल का परिवहन करते हुए पकड़ा गया था। प्रशासनिक जांच में जब्त चावल सरकारी होना पाया गया है। बताया जा रहा है कि डोंगरगढ़ के एक किराना दुकान के व्यवसायी ने पीडीएस के चावल को राइस मिल में खपाने के लिए भेजा, उस दौरान नाकेबंदी में वाहन को पुलिस ने पकड़ा। इसके बाद से पूरा मामला राइस मिल एसोसिएशन और प्रशासन के बीच खींचतान में बदल गया।

मामला SDM के सुपुर्द

बताया जा रहा है कि वाहन में 50 बोरियों में पीडीएस का चावल भरा हुआ था। पुलिस ने मामले को एसडीएम के हवाले कर दिया। एसडीएम के निर्देश पर खाद्य विभाग ने अनाज का सैम्पल लिया। जांच में  सरकारी चावल होने की जानकारी सामने आ रही है। हालांकि प्रशासन की ओर से इस मामले में अब तक सार्वजनिक रूप से बयान नहीं दिया गया है। जांच के दौरान प्रशासन ने एक राइस मिल में छापामार कार्रवाई भी की। बताया जा रहा है कि जांच में यह साफ हो गया है कि बोरियों में जब्त चावल राशन दुकान का है।

लोगों से चावल सस्ते में खरीदकर राइस मिलर को दे रहे

डोंगरगढ़ के एक किराना व्यवसायी राशन दुकान से मिले चावल को सस्ते दाम पर खरीदकर राइस मिलर्स को बेचने का कारोबार कर रहे थे। यह भी जानकारी मिली है कि प्रशासनिक रिपोर्ट में राईस मिलर्स द्वारा सरकारी अनाज को पॉलिस कर बाजार में महंगे दाम पर बेचने की भी तैयारी थी। उधर सत्तारूढ़ भाजपा से जुड़े ज्यादातर राइस मिलरों ने प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने का दबाव बनाया है। अब तक दोषियों के खिलाफ अपराध दर्ज हो जाना था, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते खाद्य महकमा कार्रवाई करने से हाथ खींच रहा है।

बताया जा रहा है कि पुलिस को खाद्य विभाग द्वारा कार्रवाई को लेकर आवेदन का इंतजार है। खाद्य विभाग के प्रार्थी बनने के बाद ही पुलिस को कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा। डोंगरगढ़ इलाके में कई बड़े राइस मिलर्स सरकारी चावल का व्यवसायिक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सर्वविदित है कि राइस मिलरों ने पहले भी ऐसे कारनामे किए हैं।