नई दिल्ली। देश की सत्तारूढ़ पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर लगातार तारीखें टलती रही हैं, लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि जुलाई महीने में पार्टी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा के मोदी कैबिनेट में शामिल होने के बाद से ही नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अटकलें तेज हैं।

क्यों टलता रहा चुनाव?

पार्टी ने पिछले वर्ष सदस्यता अभियान के साथ संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत कर दी थी और अक्टूबर 2023 में चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति भी हो गई थी। लेकिन अब तक न तो सभी राज्यों में संगठनात्मक चुनाव पूरे हो पाए हैं और न ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ी है।

क्या है ताजा स्थिति?

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी में नेतृत्व की स्पष्टता की कमी से संगठनात्मक कामकाज प्रभावित हो रहा है और कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यही वजह है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता नेतृत्व पर दबाव बना रहे हैं कि नई टीम जल्द से जल्द घोषित की जाए।

संभावित समयसीमा

सरकार ने संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से बुलाया है। इससे पहले पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाकर नया अध्यक्ष कार्यभार संभाल सकता है। यह भी मुमकिन है कि इसी मंच से नए अध्यक्ष की औपचारिक घोषणा हो।

किन नामों की हो रही चर्चा?

भाजपा के नए अध्यक्ष पद के लिए जिन नामों की सबसे ज़्यादा चर्चा है, उनमें शामिल हैं:

धर्मेंद्र प्रधान (केंद्रीय मंत्री)

मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री)

शिवराज सिंह चौहान (मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री)

हालांकि, भगवा पार्टी ने कई मौके पर नामों के चुनाव को लेकर चौंकाया है। कई राज्यों में अप्रत्याशित तौर पर मुख्यमंत्रियों का चयन किया गया है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अघोषित तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भी दखलअंदाजी रहती है।