Covid Update: देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण ने रफ्तार पकड़ ली है। जनवरी 2025 से अब तक कुल 20,976 लोग कोविड-19 की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 13,604 लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि 7,264 मरीज अभी भी इलाजरत हैं। इस दौरान वायरस ने 108 लोगों की जान भी ले ली है। स्वास्थ्य मंत्रालय और आयुष मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने, ऑक्सीजन, दवाएं, आइसोलेशन बेड और वेंटिलेटर की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

पिछले 24 घंटे में 11 मौतें
रविवार को देश में कोरोना से 11 लोगों की मौत हुई। इनमें से 7 मौतें केरल में दर्ज की गईं, जबकि दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में एक-एक व्यक्ति की जान गई। इससे पहले शनिवार को 10 लोगों की मौत हुई थी।
राज्यवार सक्रिय केस (16 जून तक)
- केरल: 1920
- गुजरात: 1433
- पश्चिम बंगाल: 747
- दिल्ली: 649
- कर्नाटक: 591
- महाराष्ट्र: 540
- उत्तर प्रदेश: 275
- राजस्थान: 222
- तमिलनाडु: 220
- मध्यप्रदेश: 134
- हरियाणा: 91
- आंध्र प्रदेश: 95
- छत्तीसगढ़: 51
- ओडिशा: 50
- बिहार: 38
- झारखंड: 31
- पंजाब: 27
- असम: 25
- जम्मू-कश्मीर: 15
- मणिपुर: 13
- तेलंगाना: 10
- पुदुचेरी: 9
- उत्तराखंड: 6
- गोवा: 6
- लद्दाख: 4
- सिक्किम: 58
- त्रिपुरा और चंडीगढ़: 2-2
राज्यवार मृत्यु के आंकड़े
- केरल: 35
- महाराष्ट्र: 28
- दिल्ली: 12
- कर्नाटक: 11
- तमिलनाडु: 7
- मध्य प्रदेश: 4
- उत्तर प्रदेश: 2
- गुजरात, पंजाब: 2-2
- राजस्थान: 2
- झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल: 1-1
मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक 27 वर्षीय महिला की डिलीवरी के एक दिन बाद कोरोना से मौत की पुष्टि हुई है।
केस कैसे बढ़े
- 12 मई: 164 केस
- 19 मई: 257
- 26 मई: 1009 एक्टिव केस, 7 मौतें
- 2 जून: 3976 एक्टिव केस, 34 मौतें
- 5 जून: 4866 एक्टिव केस, 51 मौतें
- 9 जून: 6491 एक्टिव केस, 65 मौतें
- 12 जून: 7151 एक्टिव केस, 77 मौतें
- 16 जून: 7264 एक्टिव केस, 108 मौतें
JN.1 वैरिएंट कितना घातक?
JN.1 वैरिएंट, जो ओमिक्रॉन BA.2.86 का सब-वैरिएंट है, दक्षिण-पूर्व एशिया में संक्रमण के मामलों में उछाल के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। WHO के मुताबिक, इसमें लगभग 30 म्यूटेशन हैं, जिनमें LF.7 और NB.1.8 प्रमुख हैं। इसकी तेज़ संक्रमण दर को लेकर चिंता जताई जा रही है।
सतर्कता ही बचाव
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से मास्क पहनने, भीड़भाड़ से बचने और समय पर जांच कराने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, लक्षण नजर आते ही टेस्ट कराना और आइसोलेट रहना जरूरी है।