कोरबा। ग्रामीण इलाकों में आम लोग अपने पंचायत संबंधित कार्यों के लिए पंचायत सचिवों पर निर्भर रहते हैं। ऐसे में पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड की नवापारा पंचायत के सचिव रामेश्वर प्रसाद राजवाड़े के रवैए ने लोगों को परेशान कर रखा है। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव राजवाड़े नियमित रूप से शराब के नशे में पंचायत भवन पहुंचता है और अधिकतर समय वहीं सोते रहता हैं।
ग्रामीणों से करता है दुर्व्यवहार
ग्रामीणों का कहना है कि सचिव से जब किसी कार्य या दस्तावेज की जानकारी मांगी जाती है, तो वह गुस्से में आकर अभद्र व्यवहार करता है। पंचायत में इस तरह की घटनाएं अब आम हो चुकी हैं। इससे पहले भी सचिव का शराब के नशे में पंचायत भवन में सोते हुए एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसे ग्रामीणों ने ही रिकॉर्ड किया था। अब एक बार फिर ऐसा ही एक वीडियो सामने आया है, जिससे गांव में नाराजगी और बढ़ गई है।
कई पंचायतों में है इस तरह का नजारा
ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या केवल नावापारा तक सीमित नहीं है। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के कई अन्य ग्राम पंचायतों में भी कई सचिव ऐसे ही गैर-जिम्मेदाराना रवैये के लिए बदनाम हैं। इनका पंचायत कार्यों और जनता की भलाई से कोई सरोकार नहीं दिखता। शिकायत के बाद प्रशासन की ओर से सिर्फ औपचारिक नोटिस देकर मामले को शांत किया जाता है। अधिकारियों की कार्रवाई में ढिलाई का एक कारण सचिवों की भारी कमी भी है। कई पंचायतों में एक ही सचिव को दो से तीन ग्राम पंचायतों का कार्यभार सौंप दिया गया है। ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी सचिव को बर्खास्त किया जाता है, तो पंचायती कामकाज पूरी तरह प्रभावित हो सकता है।
हालांकि, ग्रामीणों का तर्क है कि जब कोई सचिव अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहा, पंचायत की राशि में गड़बड़ी हो रही है और जनता को कोई लाभ नहीं मिल रहा तो ऐसे सचिव के होने या न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता। उल्टा, इनकी मौजूदगी में पंचायत की राशि की बंदरबांट और अनियमितता की संभावना बढ़ जाती है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसी लापरवाह और भ्रष्ट मानसिकता वाले सचिवों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत व्यवस्था में जनता का विश्वास बहाल हो सके।