रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में दुकानों के आवंटन में बड़े पैमाने पर अनियमितता का मामला सामने आया है। इस घोटाले को लेकर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए दो मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर सचिव ने इसके संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
निलंबन की गाज तत्कालीन सीएमओ बसंत बुनकर और मुक्ता सिंह चौहान पर गिरी है। आरोप है कि हाई-टेक बस स्टैंड स्थित शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्वावलंबन योजना के तहत दुकानों के निर्माण और आवंटन में भारी गड़बड़ियां हुईं, जो इन दोनों अधिकारियों के कार्यकाल में सामने आईं।
आयुष्मान योजना में फर्जीवाड़ा
इसी के साथ ही गुजरे दिनों बलौदाबाजार जिले के सिमगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुष्मान भारत योजना के तहत बड़े फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है। ग्राम पंचायत मांढर के पंच सनत कुमार घृतलहरे ने इस मामले की शिकायत प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से की थी।
शिकायत के अनुसार, अस्पताल में मरीजों को झूठे तरीके से भर्ती दिखाकर योजना का दुरुपयोग किया जा रहा था। फर्जी लैब रिपोर्ट तैयार की जा रही थीं और मरीजों से ब्लड जांच के नाम पर 300 से 500 रुपये तक अवैध वसूली की जा रही थी। इसके अलावा 100 रुपये के फर्जी बिल भी थमाए जा रहे थे।
बाहरी लोगों की भर्ती का आरोप
सिमगा क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि क्षेत्र के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को नजरअंदाज कर बाहरी लोगों को नियुक्त किया गया है, जो शासन के नियमों के खिलाफ है। इसके साथ ही यह आरोप भी लगे हैं कि सीएमएचओ ने जिले में वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर सैकड़ों कर्मचारियों का अस्थायी संलग्निकरण कर रखा है।