बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के दर्जनों मामले उजागर होने के बाद भी युवा ऐसे गिरोह के जाल में फंस रहे हैं। ऐसा ही एक मामले बिलासपुर में उजागर हुआ है, जहां सरकारी नौकरी का सपना दिखाकर एक युवती और उसके पांच परिचितों से 50 लाख रुपये की ठगी कर ली गई। पीड़िता मोनिषा सिंह की शिकायत पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने आरोपी रजत गुप्ता और प्रिया देशमुख के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

गिरोह के सदस्य को बताया सीएम हाउस का स्टाफ…

मोनिषा सिंह (26), हेमूनगर निवासी, ने बताया कि उसका संपर्क दुर्ग निवासी प्रिया देशमुख से सुरेश साहू और खिलेश्वरी साहू के जरिए हुआ, जो उनका पुराना परिचित है। प्रिया ने बताया कि वह स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ है और सीएम हाउस में अधिकारी अंबिकापुर के रजत गुप्ता से उसकी जान-पहचान है। प्रिया ने भरोसा दिलाया कि वह और रजत मिलकर उसकी सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं।

दोस्तों से भी दिलवा दिए रूपये

इस भरोसे में आकर मोनिषा ने खुद 17.50 लाख रुपये दिए और अपने पांच परिचित संतोष कुमार, गौतम बाई, आकाश शर्मा, ज्योतिष कुमार और श्यामा देवी को भी नौकरी लगवाने के लिए तैयार किया। सभी ने मिलकर कुल 50 लाख रुपये नकद और बैंक ट्रांजेक्शन के जरिए आरोपियों को दिए।

गहने और जमीन बेच कर रूपये जुटाए

पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने यह रकम कर्ज लेकर, गहने और जमीन बेचकर जुटाई। प्रिया देशमुख ने यहां तक झांसा दिया कि उसने खुद भी 20 लाख रुपये देकर अपनी नौकरी लगवाई थी और सभी को 6 महीने के भीतर नियुक्ति पत्र मिल जाएगा।

पीड़ितों ने बताया की आरोपियों ने उन्हें नियुक्ति पत्र भी थमाए, लेकिन बाद में कोई सरकारी जॉइनिंग नहीं हुई। नियुक्ति पत्र बाद में फर्जी साबित हुए।

जब कई महीने बीतने के बाद भी कोई नौकरी नहीं मिली और पैसे भी नहीं लौटाए गए, तो मोनिषा और अन्य पीड़ितों ने आरोपियों से कई बार संपर्क किया। आरोपियों ने फोन नहीं उठाया और जब-तब बहाने बनाते रहे। अंततः तंग आकर 21 जून को मोनिषा ने लिखित शिकायत सिविल लाइन थाने में दी।

पुलिस ने मामले की जांच कर मोनिषा की शिकायत को प्रथम दृष्टया सही पाया और भारतीय न्याय संहिता की धारा 3(5), 318(4) और 338 के तहत अपराध दर्ज किया। एफआईआर में बताया गया है कि ठगी की रकम अक्टूबर 2023 से सितंबर 2024 के बीच चंदेला नगर, रजिस्ट्री ऑफिस, तितली चौक, गांधी चौक और दुर्ग जैसे स्थानों पर दी गई।

सिविल लाइन थाना प्रभारी ने बताया कि आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। बैंक ट्रांजेक्शन की जांच और अन्य पीड़ितों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं।