0 परिजन लाश लेकर पहुंचे कोरबा एसपी कार्यालय
0 दोबारा पोस्ट मॉर्टम कराने की मांग

कोरबा/सिंगरौली। कोरबा की रहने वाली युवती की मध्यप्रदेश के सिंगरौली में रेप के बाद हत्या के आरोप लगे हैं। 22 जून को सिंगरौली स्थित घर में पुष्पांजलि महंत (22 साल) की लाश नग्न अवस्था में खिड़की के ग्रिल से रस्सी के बनाये फंदे पर लटकती मिली। हालांकि शव का कमर से लेकर नीचे तक का हिस्सा जमीन पर टिका हुआ था। मामला सिंगरौली के मोरवा थाना क्षेत्र का है।

परिजनों का आरोप है कि 3 दिन तक एमपी की पुलिस ने कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद वे बेटी के शव को लेकर कोरबा जिले के ग्राम रलिया आ गए। जहां आज आमगांव चौक के पास सड़क पर शव रखकर चक्काजाम कर दिया और कोरबा पुलिस से कार्रवाई की मांग की। बाद परिजन शव को लेकर कोरबा एसपी के ऑफिस में आ गए और शव के पोस्टमॉर्टेम की मांग की।

क्या है मामला.. ?

दरअसल पुष्पांजलि के पिता उमेद दास कोरबा के रहने वाले थे। वे सिंगरौली में SECL में नौकरी करते थे और उनका हाल ही में निधन हो गया था। उनकी मां वर्तमान में अनुकंपा नियुक्ति पर कार्यरत हैं। मृतका की बहन दीपांजली 25 वर्ष जो कि सिंगरौली के भगत सिंह कालोनी में मोहम्मद आसिफ के मकान में किराये पर अपनी बहन पुष्पांजलि के साथ रह रही थी, उसने घटना और पुलिस कार्रवाई के बारे में बताया कि बहन पुष्पांजली जो भोपाल में पढ़ती थी, वो 21 जून को सुबह सिंगरौली आई उसके बाद दीपांजलि दोपहर में मेडिकल ट्रीटमेंट करवाने बनारस जाने के लिए निकली। वह बनारस पहुंचने वाली थी तब अपनी बहन को कॉल किया, तो उसने कॉल नहीं उठाया। कुछ देर बाद फिर कॉल ट्राई किया तो भी कॉल नहीं उठाया, तीसरी बार कॉल में मोबाईल स्विचऑफ आ रहा था। उसकी बहुत फिक्र होने पर अपना सारा काम छोड़कर जब वह सिंगरौली पहुंची औऱ रुम के अंदर अपने दोस्तों के साथ गई तब सबसे आखिरी वाले कमरे में देखा कि बहन को किसी ने गले पर कपड़ा बांधकर खिड़की के रोड से लटका रखा था, और उसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की थी।

दीपांजलि ने अपने घर वालों को फोन किया और पूरी बात बताई। उसने पुलिस को पूरे यक़ीन से एक लड़के का नाम लेते हुए बताया कि उसके न रहने पर वह रुम में जबरदस्ती घुसा और बहन को मारा पीटा है और उसको ब्लैकमेल किया है उससे लड़ाई झगड़ा किया है और बहन को मारकर उसको बिना कपड़े के सबसे लास्ट वाले रुम पर खिड़की से बांधकर भाग गया है।

पुलिस ने दर्ज नहीं किया रेप का मामला

परिजनों ने मोरवा थाने में हत्या का मामला दर्ज कराया। इस दौरान पुलिस ने दुष्कर्म का आरोप दर्ज नहीं किया। जिसके बाद परिजन शव लेकर कोरबा के रलिया आ गए। 24 जून को सामाजिक बैठक के बाद अगले दिन उचित कार्रवाई की मांग को लेकर शव के साथ चक्काजाम कर दिया।

डॉक्टरों ने शव खराब होने का दिया हवाला

परिजनों के मुताबिक, घटना के तीन दिन तक युवती का शव मोरवा के एक अस्पताल के बाहर रखा रहा। स्थानीय डॉक्टरों ने शव खराब होने का हवाला देते हुए पोस्टमॉर्टम से मना कर दिया। इसके बाद शव को रीवा मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

मोरवा पुलिस पर मारपीट का आरोप

दीपांजलि ने बताया कि वह मोरवा थाना परिसर में घरवालों का इंतजार कर रही थी, थाने में रहते-रहते कुछ पुलिस कर्मचारी उसे प्रेशराईज कर रहे थे और वह उस समय इस स्थिति में नहीं थी कि अपना बयान दे। जब शाम को मेरे परिवार वाले पुलिस स्टेशन आये, उसके बाद कुछ पुलिस कर्मचारी के साथ घटनास्थल पर गये तो अपने मोबाइल से बहन का वीडियो बनाते वक्त महिला पुलिस कर्मी ने उसे थप्पड़ मारा, मोबाईल छीन कर धक्का दे दिया व वीडियो डिलीट करने का दबाव बनाया। उसके बाद बड़ी बहन पर हमला किया गया, फोन छीनने की कोशिश की गई और नहीं देने पर उसका हाथ मोड़ा गया।

शव लेकर कोरबा एसपी कार्यालय पहुंचे परिजन

पुष्पांजलि के शव को ग्राम रलिया में समाज के लोगों के सहयोग से परिजनों ने मुख्य मार्ग पर रखकर चक्का जाम कर दिया। करीब 3 घण्टे प्रदर्शन के बाद शव को सिंगरौली से आये एम्बुलेंस से ही कोरबा जिला मुख्यालय लाया गया और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी से न्याय की गुहार लगाई। इन्होंने सिंगरौली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी अविश्वसनीय हो सकती है, इसलिए कोरबा में शव का दुबारा पोस्टमार्टम होना चाहिए। इस दौरान एसपी ने नियमों का हवाला देते हुए शव का पीएम कराने से इंकार कर दिया और आश्वस्त किया कि वे सिंगरौली पुलिस से मामले की अच्छी तरह जांच के प्रयास करेंगे।

बहरहाल मोरवा थाना पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। रीवा मेडिकल कॉलेज में होने वाले पोस्टमॉर्टम के बाद मामले की सच्चाई सामने आने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ की बेटी के साथ मध्यप्रदेश में हुए अन्याय पर कितना और किस हद तक न्याय मिल पाएगा, यह देखने वाली बात होगी।