रायपुर। छत्तीसगढ़ के मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन 30 जून को रिटायर होने जा रहे हैं। ऐसे में राज्य के सबसे ऊंचे प्रशासनिक पद को लेकर रायपुर से दिल्ली तक बैठकों का दौर जारी है। अगले तीन दिनों में छत्तीसगढ़ को नया मुख्य सचिव मिल सकता है। खबर है कि दो नामों की लिस्ट दिल्ली पहुंच चुकी है।

ये हैं रेस में?

राज्य में 7 वरिष्ठ आईएएस अधिकारी इस पद के लिए पात्र हैं, लेकिन दौड़ में असल मुकाबला तीन नामों के बीच माना जा रहा है मनोज पिंगुआ, सुब्रत साहू और अमित अग्रवाल।

  • मनोज पिंगुआ (1994 बैच)

मुख्यमंत्री सचिवालय की पहली पसंद माने जा रहे हैं। दिल्ली में पीएमओ अधिकारियों से मुलाकात कर चुके हैं।

प्लस: साफ-सुथरी छवि, शांति और विनम्रता के लिए प्रसिद्ध।
माइनस: धीमी कार्यशैली और तत्काल निर्णय में कमी को लेकर भाजपा खेमे के कुछ नेता असहज।

  • सुब्रत साहू (1992 बैच)

वरिष्ठता में दूसरे नंबर पर हैं। सहकारिता और धार्मिक न्यास जैसे विभागों में एसीएस।

प्लस: प्रशासनिक कुशलता और कार्यकुशलता में मजबूत।
माइनस: भूपेश सरकार में मुख्यमंत्री सचिव रहने का टैग भाजपा के लिए चिंता।

  • अमित अग्रवाल (1993 बैच)

इस समय दिल्ली में औषधि विभाग के सचिव। पीएमओ का अनुभव।

प्लस: केंद्र में सराहे गए अधिकारी।
माइनस: 9 साल से राज्य से बाहर, छत्तीसगढ़ की जमीनी समझ कम।

वरिष्ठ लेकिन दौड़ से बाहर

  • रेणु पिल्ले (1991 बैच): सबसे सीनियर, पर प्रैक्टिकल निर्णयों की कमी ने उन्हें रेस से बाहर किया।
  • ऋचा शर्मा (1994 बैच): कार्यशैली में जटिलता और संवाद की कमी।
  • निधि छिब्बर (1994 बैच): केंद्र में सचिव, परिवार दिल्ली में लौटने की संभावना कम।
  • विकासशील (1994 बैच): एशियाई विकास बैंक के कार्यकारी निदेशक के तौर पर कार्यरत, लौटने से इनकार कर चुके हैं।

बता दें कि राज्य से दो ही ना IAS मनोज पिंगुआ और IAS सुब्रत साहू दिल्ली भेजे गए हैं, लेकिन अंतिम मुहर पीएमओ के संकेतों पर लगनी तय मानी जा रही है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा का नेतृत्व नए चेहरे से प्रशासनिक संतुलन साधेगा, या अनुभवी अधिकारी को मौका मिलेगा?