टीआरपी डेस्क। भारत सेवा संघ से जुड़े पद्मश्री सम्मानित कार्तिक महाराज पर एक महिला ने दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया है। महिला ने थाने में शिकातय दर्ज कराते हुए कहा है कि महाराज ने नौकरी के नाम पर पहले पैसे लिए और उसके बाद जबरन शारीरिक संबंध बनाए। मुर्शिदाबाद जिले के नबग्राम थाने में मामले की प्राथमिक रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

महिला ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए मीडिया से बातचीत में बताया कि 2013 में कर्तिक महाराज उसे मुर्शिदाबाद स्थित एक आश्रम के प्राथमिक विद्यालय में नौकरी दिलाने के बहाने ले गए। महिला को शिक्षक नियुक्त किया गया और उसी आश्रम परिसर में रहने के लिए एक कमरा भी दिया गया। महिला का आरोप है कि एक रात अचानक कर्तिक महाराज उसके कमरे में आए और शारीरिक संबंध बनाने का प्रस्ताव रखा। महिला के विरोध करने पर कर्तिक महाराज ने उस पर मानसिक दबाव डाला और धमका कर संबंध बनाने के लिए मजबूर किया।

कर्तिक महाराज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को एक सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे एक सन्यासी हैं और सन्यास के मार्ग में इस तरह की अड़चनें आती रहती हैं। उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और उनका कानूनी पक्ष उनके वकील कोर्ट में पेश करेंगे।

कर्तिक महाराज का राजनीतिक जुड़ाव भी इस मामले को और जटिल बनाता है। वह भारतीय जनता पार्टी के करीबी माने जाते हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी कई बार उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगा चुकी हैं। इस वजह से यह मामला केवल कानूनी नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी बेहद संवेदनशील हो गया है।

अभी तक भारत सेवाश्रम संघ की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। आश्रम के स्थानीय पदाधिकारी भी मीडिया के सवालों से बचते नजर आ रहे हैं।

पुलिस इस मामले में फॉरेंसिक साक्ष्य, डिजिटल कम्युनिकेशन और सीसीटीवी फुटेज जैसी तकनीकी जांच में भी जुटी हुई है। यदि आरोपों की पुष्टि होती है तो यह मामला देशभर में सामाजिक व धार्मिक संस्थानों की छवि को गहरा झटका दे सकता है। यह मामला न केवल कानून और समाज के लिए गंभीर है, बल्कि ऐसे प्रतिष्ठित व्यक्तियों पर सार्वजनिक आस्था पर भी सवाल खड़े करता है।