रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित 2161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में एक और बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने सोमवार को इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ 1100 पन्नों की चौथी पूरक चार्जशीट विशेष कोर्ट में दाखिल की है। चार्जशीट में लखमा की संलिप्तता को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है, वहीं 66 पेज की समरी में पूरे घोटाले की रूपरेखा और लखमा की भूमिका का उल्लेख किया गया है।

21 जनवरी से जेल में बंद हैं कवासी लखमा

ED ने कवासी लखमा को 15 जनवरी को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था। गिरफ्तारी से पहले लखमा को सात दिन की कस्टडी में रखकर पूछताछ की गई थी। इसके बाद 21 जनवरी को उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया। पिछली सुनवाई में सुरक्षा के अभाव के कारण उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उनकी रिमांड अवधि 18 फरवरी तक बढ़ा दी थी।

क्या है 2161 करोड़ का शराब घोटाला?

यह घोटाला भूपेश बघेल सरकार के कार्यकाल में हुआ, जिसमें पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा, और तत्कालीन मुख्यमंत्री सचिवालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया सहित कई प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आए।

11 मई 2022 को आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि छत्तीसगढ़ में शराब व्यापार के जरिए बड़े पैमाने पर रिश्वत और अवैध वसूली की जा रही है। याचिका में कहा गया कि रायपुर के तत्कालीन महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर इस अवैध वसूली नेटवर्क का अहम हिस्सा हैं। इसके बाद 18 नवंबर 2022 को ED ने इस मामले में PMLA एक्ट के तहत केस दर्ज किया।

कैसे हुआ घोटाला?

ED की जांच में सामने आया कि 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर CSMCL के जरिए शराब बेचने का अधिकार दिया गया। 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का प्रबंध निदेशक नियुक्त करवाया। इसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूखदारों के गठजोड़ के जरिए एक संगठित सिंडिकेट बनाकर शराब कारोबार में भारी भ्रष्टाचार किया गया, जिससे राज्य को 2161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

इससे पहले भी पेश हो चुकी है बड़ी चार्जशीट

13 मार्च को ED ने इस घोटाले में 3,841 पन्नों की बड़ी चार्जशीट स्पेशल कोर्ट में पेश की थी। उस चार्जशीट में कवासी लखमा सहित कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया था। आरोपियों में अनवर ढेबर, अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, और कई शराब कंपनियां जैसे छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, ओम साई ब्रेवरीज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया के नाम भी शामिल थे।