0 कॉलोनी की संपूर्ण जमीन का सीमांकन करने की उठी मांग

बिलासपुर। रायपुर रोड स्थित रामा वैली रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी ने आरोप लगाया है कि रामावैली कॉलोनी के विकास एवं निर्माण मे की गई अनियमितताओं से करोड़ों की हेरा फेरी की गई है। इसके निराकरण के लिए समिति चाहती है कि पूरी कॉलोनी का एक बार सीमांकन किया जाए ताकि कॉलोनी में हुए अनियमितता और गड़बड़ी सामने आ सके।

इस तरह किया फर्जीवाड़ा

बिलासपुर प्रेस क्लब में रामा वैली रेजिडेंशियल वेलफेयर सोसाइटी के सचिव पीव्हीआर नायडू, उपाध्यक्ष सी पी शर्मा, मनोज गर्ग, शोभन दत्ता ने पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बिल्डर के द्वारा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के स्वीकृत नक्शे के विरुद्ध कई गड़बड़ियां की गई हैं, जैसे कॉलोनी के ग्रीनलैंड में व्यावसायिक परिसर बना दिया गया है। व्यावसायिक परिसर की जगह को बेच दिया गया है। कॉलोनी मे कोटवार को आबंटित शासकीय भूमि 0.943 एकड़ है जो कि बैंक मे बंधक रखा गया है। जिसमे से 19200 स्क्वेयर फिट भूमि को बिल्डर प्रकाश ग्वालानी द्वारा बी 1 खसरा मे अपने नाम दर्ज करवा लिया है। कॉलोनी के मध्य 57,285 स्क्वेयर फिट मे 5000 X4 =20,000 sqft मे 4 (चार )गार्डन निर्मित किए गए हैं,और शेष बचे लगभग 37,000 स्क्वेयर फिट ग्रीन लैंड (पार्क) की भूमि मे अवैध व्यवसायिक परिसर और पार्किंग बनाकर बेच दिया गया।

तालाब की जमीन बेचने की गई हेराफेरी

इसी तरह कॉलोनी के 32646 स्क्वेयर फिट ग्रीन लैंड (पार्क) की भूमी में से करीब 12,000 स्क्वेयर फिट मे अवैध क्लब का निर्माण कर दिया गया है। खसरा NO.10 से लगा हुआ पूर्व और दक्षिण मे खसरा NO.55 जिसका रकबा 1,007 हेक्टर और खसरा NO. 56 जिसका खसरा रकबा 4.684 हेक्टर है जो कि राजस्व रिकॉर्ड मे शासकीय भूमि और शासकीय तालाब है। कुल रकबा 5,691 हेक्टर(14,063 एकड़) है। जिसे बिल्डर के दवारा हेरा फेरी कर फर्जी दस्तावेजों से विक्रय कर दिया गया है।

जांच रिपोर्ट में भी की गई लीपापोती

इस संबंध में कलेक्टर, निगम आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार सहित अन्य अधिकारियों से शिकायत की गई थी जिसके लिए आयुक्त ने एक जांच कमेटी बनाई। जिसकी जांच रिपोर्ट प्रार्थियों को नहीं दी गई। बाद में निगम आयुक्त कार्यालय से प्राप्त जांच प्रतिवेदन में आयुक्त कार्यालय से जो जानकारी दी गई है उसमें राजस्व मामले की जो शिकायत की गई थी उसकी जांच ही नहीं की गई है। उल्टा शिकायतकर्ता को ही जांच रिपोर्ट में गलत बताया जा रहा है। और यह कहा जा रहा है कि वहां की दो सोसाइटी में आपसी विवाद, झगड़ा है जिससे कॉलोनाइजर को कोई लेना-देना नहीं है।

इस दौरान यह भी आरोप लगाया कि जो शॉपिंग मॉल अंदर बनाया गया है, उसमें 32 दुकान तैयार किए गए हैं, उन दुकानों में फावड़ा, गैती और फिनायल रखने की जगह बताई जा रही है जबकि भौतिक स्थिति ऐसी नहीं है।

पत्रकारों से चर्चा करते हुए समिति के पदाधिकारियो ने कहा कि उनका यह निजी मामला नहीं है और न ही उनका किसी तरह का कोई विवाद और झगड़ा है। सिर्फ और सिर्फ शासकीय जमीन जो शासन की जमीन है उसे बिल्डर द्वारा बेचा गया है, जिसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। उन्होंने जांच को जरूरी बताते हुए हुई गड़बड़ियों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

गौरतलब है कि राजधानी रायपुर में रामा बिल्डर द्वारा अमलीडीह में महाविद्यालय के लिए आरक्षित सरकारी जमीन को अपने नाम करा लेने का षड्यंत्र राजस्व अमले के साथ रचा गया था। मगर जब यह मामला प्रकाश में आया तब इलाके में जमकर विरोध हुआ और सरकार ने जांच के बाद आबंटन को निरस्त कर दिया था।