जशपुर। जिले के टाँगरगांव में प्रस्तावित स्टील प्लांट का विरोध दिनों-दिन तेज होता जा रहा है। यहां स्टील प्लांट के विरोध में 10 गांव के ग्रामीण रोज रैली निकालकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस मामले में भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने भी स्टील प्लांट का विरोध करते हुए जिले में स्टील प्लांट की जगह इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट लाने पर जोर दिया है। प्रबल प्रताप ने यहां तक कह दिया है कि जशपुर में इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट अगर कोई कंपनी लेकर आती है तो वो उनका पैर धोकर स्वागत करेंगे।

. @JashpurDist में इन दिनों प्रस्तावित स्टील प्लांट का विरोध हो रहा है, इस आंदोलन में स्व. दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र @prabaljudev भी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा है कि जो भी इको फ्रेंडली प्लांट लेकर आएगा, वे उसका पैर धोकर स्वागत करेंगे#SteelPlant #NEWS https://t.co/gbeXCaehf0 pic.twitter.com/GN2u9ZDPWb
— The Rural Press (@theruralpress) July 30, 2021
04 अगस्त की जन सुनवाई हुई स्थगित
जशपुर के टांगरगांव में लगभग साढ़े छः सौ करोड़ की लागत से स्टील प्लांट की स्थापना होनी है, जिसके लिए 4 अगस्त को जनसुनवाई प्रस्तावित थी। मगर इस प्रोजेक्ट को लेकर ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए अब भाजपा और कांग्रेस दोनो ही दलों ने स्टील प्लांट का विरोध शुरू कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर जिले के प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीणों से मिलने पहुंचे और उन्हें समझाया, मगर ग्रामीण नहीं माने, जिसे देखते हुए फ़िलहाल 04 अगस्त को होने वाली जनसुनवाई को स्थगित कर दिया गया है।
टांगरगांव समेत आसपास के दस गाँवो के लोग अब स्टील प्लांट के विरोध में रोज रैली निकालकर प्रदर्शन कर रहे हैं इसके साथ ही इस इलाके का माहौल भी तनावपूर्ण होता जा रहा है। टांगरगांव समेत आसपास के गाँवो में आ रहे नए व्यक्तियों को देखकर ग्रामीण स्टील प्लांट का कर्मचारी समझकर सख्ती बरत रहे हैं। वहीं ग्रामीणों का कहना है की वे किसी भी हाल में अपने गांव में स्टील प्लांट नहीं लगने देंगे।
क्या कहते हैं प्रबल प्रताप..?
इस मामले को लेकर भाजपा के प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने अपने पिता स्व. दिलीप सिंह जूदेव की तर्ज पर स्टील प्लांट का विरोध किया है। प्रबल प्रताप सिंह जूदेव का कहना है जशपुर प्रकृति की हसीन वादियों में बसा है और उनके पिता का सपना था कि जशपुर इको टूरिज्म के रूप में विकसित हो और यहाँ पर्यावरण को दूषित करने वाले स्टील प्लांट की बजाय इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट आयें, अगर जशपुर में कोई उद्योगपति इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट लाते हैं तो वह उनका पैर धोकर स्वागत करेंगे, लेकिन अगर यहां पर स्टील प्लांट जैसा पर्यावरण को दूषित करने वाला प्लांट लगेगा तो भले उनकी जान चली जाए पर वो यह प्रोजेक्ट लगने नहीं देंगे।
बहरहाल इस प्लांट का विरोध दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और ग्रामीणों के साथ भाजपा और काँग्रेस दोनो ही दल प्लांट के विरोध में खड़े हो गए हैं। फ़िलहाल सुनवाई स्थगित हो गई है, मगर ग्रामीणों के विरोध के तेवर कम नहीं हो रहे हैं।
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