रायपुर। राजधानी रायपुर में अभनपुर क्षेत्र के सोनेसिल्ली गांव के 23 किसान परिवार गुरुवार तड़के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के बंगले पहुंच गए। महिलाओं-बच्चों को साथ लेकर आए किसान परिवार अपनी जमीन वापसी की मांग कर रहे थे।

मंत्री के बंगले के घेराव की सूचना पाकर पुलिस ने किसानों को वहां से जबरन हटाकर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पहुंचा दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे कृषक सहकारी समिति सोनेसिल्ली से जुड़े हैं। पिछले 51 वर्षों से गांव की खाली जमीन पर किसान परिवार खेती कर अपना गुजारा कर रहा है। मगर इस वर्ष गांव के सरपंच व उपसरपंच ने उन्हें खेतों से बेदखल कर दिया। इतना ही नहीं मेहनत से तैयार की गई खड़ी फसल को भी मवेशियों से चरवा दिया।
1970 से खेती कर रहा है किसान परिवार
किसान परिवार का कहना है कि सरकार ने गोबरा नवापारा तहसील के ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली में 23 भूमिहीन परिवारों को 1970 में ग्राम पंचायत कुर्रा के आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में 106 एकड़ जमीन दी गई थी। तब से ये परिवार खेती करते आ रहे थे। अब गांव की सरपंच गोमेश्वरी साहू, और उपसरपंच ताराचंद साहू ने ग्रामीणों के को एकजुट कर उन्हें जबरदस्ती जमीन से बेदखल कर दिया है। जिसके कारण उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई है।

रात से ही राजधानी के लिए निकल पड़े थे किसान
गांव से 23 किसानों का परिवार रात से ही राजधानी के लिए रवाना हुआ था। किसान परिवार अपने साथ बर्तन और राशन भी लेकर आए हैं। तड़के सुबह पांच बजे किसानों ने कृषि मंत्री के बंगले में प्रदर्शन शुरू कर दिया। जैसे ही इसकी जानकारी पुलिस को मिली उन किसानों को बूढ़ातालाब धरना स्थल पर भेज दिया गया। किसानों का कहना है कि वे 24 जुलाई को भी कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात करने घर से निकले थे। मगर अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू सरपंच के बेदखली आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया था।