नई दिल्ली। देश में आर्थिक मोर्चे पर गुरुवार को एक साथ दो अच्छी खबर आई है। दरअसल, खाद्य वस्तुओं की कीमतें कम होने से खुदरा महंगाई नरम है तो वहीं औद्योगिक उत्पादन बढ़ गया है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित मुद्रास्फीति एक माह पहले जून में 6.26 फीसदी और एक साल पहले जुलाई महीने में 6.73 फीसदी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर धीमी पड़कर 3.96 फीसदी रही जो इससे पूर्व माह में 5.15 फीसदी थी।
आरबीआई का अनुमान
भारतीय रिजर्व बैंक ने इस महीने की शुरुआत में जारी मौद्रक नीति समीक्षा में 2021-22 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक महंगाई दर के 5.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया। आरबीआई के अनुसार मुदास्फीति में घट-बढ़ की जोखिम के साथ दूसरी तिमाही में इसके 5.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 5.3 फीसदी और चौथी तिमाही में 5.8 फीसदी रहने की संभावना है। अगले वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में इसके 5.1 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है।
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