टीआरपी डेस्क। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को मुंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate-ED) की कस्टडी में भेज दिया है। देशमुख को 12 नवंबर तक ईडी कस्टडी में भेजा गया है।

1 नवंबर को अनिल देशमुख को 12 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था। देशमुख को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। अनिल देशमुख कल तक ईडी की कस्टडी में थे। कोर्ट ने अनिल देशमुख की कस्टडी को और 13 दिनों के लिए बढ़ा दिया। लेकिन कोर्ट ने उन्हें 19 नवंबर तक ईडी कस्टडी में ना भेजकर जूडिशियल कस्टडी में भेजा।
इस बीच ईडी ने अनिल देशमुख के बेटे ऋषिकेश देशमुख को समन्स भेजकर गुरुवार के दिन सुबह 11 बजे मुंबई कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया था। मगर ऋषिकेश देशमुख गुरुवार को ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए। हाजिर होने की बजाए वे गिरफ्तारी से पूर्व जमानत लेने की कोशिश में लग गए। इसके लिए उन्होंने सत्र न्यायालय में इसके लिए याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर 12 नवंबर को सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला?
अनिल देशमुख पर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने 100 करोड़ की वसूली का आरोप लगाया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख सचिन वाजे और अन्य पुलिस अधिकारियों का इस्तेमाल मुंबई के बार और रोस्टोरेंट से वसूली के लिए कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट ने सीबीआई को जांच के आदेश दिए। सीबीआई द्वारा जांच किए जाने के बाद ईडी ने भी इस पर कार्रवाई शुरू की। देशमुख पर अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार करने और बेनामी संपत्ति जमा करने का आरोप है।
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