नई दिल्ली। (Rajya Sabha Chunav) भाजपा ने उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के अपने बाकी बचे दो उम्मीदवारों के नामों का भी देर रात को ऐलान कर दिया। ये नाम सबसे ज्यादा चौंकाने वाले हैं क्योंकि इसमें केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Union Minister Mukhtar Abbas Naqvi’s Rajya Sabha ticket cut) शामिल नहीं हैं।

भाजपा आलाकमान ने जिन दो लोगों को टिकट दिया है, उनमें यूपी के शाहजहांपुर के रहने वाले मिथिलेश कुमार शामिल हैं। वह दलित समुदाय से आते हैं और समाजवादी पार्टी के लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

माना जा रहा है कि भाजपा ने उनका नाम घोषित कर बड़ा समीकरण साध लिया है। इस सूची से पहले घोषित किए गए 6 नामों में एक भी दलित नहीं था। इस तरह अब भाजपा ने अनुसूचित जातियों को भी मौका दिया है।
मिथिलेश कुमार को भाजपा क्यों भेज रही है राज्यसभा
भाजपा की लिस्ट में ब्राह्मण, निषाद, वैश्य, ओबीसी और दलित समेत सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व है। मिथिलेश कुमार भले ही राष्ट्रीय राजनीति में चर्चित नहीं रहे हैं, लेकिन शाहजहांपुर में उनका अच्छा खासा दखल माना जाता है। उनकी पत्नी शकुंतला देवी भी समाजवादी पार्टी से दो बार विधायक चुनी जा चुकी हैं।
मिथिलेश कुमार 2019 के आम चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो गए थे। तब पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट नहीं दिया था, लेकिन अब राज्यसभा भेजकर मिथिलेश कुमार को सब्र का मीठा फल दिया है। वहीं जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को साध लिया है।
के. लक्ष्मण के नाम ने भी चौंकाया
मिथिलेश कुमार के अलावा दूसरा चौंकाने वाला नाम के. लक्ष्मण का है, जो तेलंगाना से आते हैं। केसीआर की सत्ता वाले इस राज्य में भाजपा खुद को मुकाबले में लाने की कोशिश कर रही है। यही वजह है कि राज्य के नेता को यूपी से उच्च सदन भेज रही है। वह तेलंगाना में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
फिलहाल भाजपा के ओबीसी मोर्चे की कमान उनके ही पास है। लक्ष्मण को होम मिनिस्टर अमित शाह का करीबी माना जाता है। इसके अलावा तेलंगाना में वह दो बार विधायक भी रह चुके हैं। ऐसे में उन्हें यूपी से राज्यसभा भेजना भले ही चौंकाने वाला है, लेकिन पार्टी के समीकरणों में जरूर फिट बैठता है।