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रायपुर। अनेक राज्यों में हुईं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद के बाद रायपुर पुलिस भी काफी अलर्ट है। राजधानी में संदिग्ध लोगों की गतिविधियों से लेकर सोशल मीडिया तक पुलिस की नजर है, और अफवाह फैलाने वालों की भी निगरानी की जा रही है।
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एंटी क्राइम एंड साइबर यूनिट की टीम सोशल मिडिया पर लगातार नजर रख रही है और तत्काल कार्रवाई कर रही है। इसके लिए गठित निगरानी सेल द्वारा बीते कुछ दिनों में आपत्तिजनक पोस्ट के चलते लगभग दो दर्जन ज्यादा अकाउंट ब्लॉक किए गए हैं।
पुलिस का सूचना तंत्र सक्रिय
पुलिस के सूत्र बता रहे हैं कि सोशल मीडिया के अलग-अलग ग्रुप में भी पुलिस के मुखबिर सक्रिय हो गए हैं, जो आपत्तिजनक पोस्ट पर नजर रख रहे हैं। दरअसल वाट्सएप, फेसबुक और इंस्टाग्राम में लोग ज्यादा सक्रिय रहते हैं, इसलिए इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल भी ज्यादा होता है। पुलिस इस बात का ख्याल रख रही है कि कोई भी पोस्ट भड़काऊ न हो।
सीसी कैमरों से नजर
राजधानी की पुलिस जिले भर में लगे कैमरों से भी संदिग्ध इलाकों में लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रही है। हाल ही में एक आपत्तिजनक पोस्ट के चलते सिविल लाइन थाने का घेराव करने के मामले में भी पुलिस ने सख्त रवैया अपनाया। इस प्रदर्शन के दौरान उत्पात कर रहे लोगों की पहचान करते हुए उनके घरों में दबिश भी दी गई।
इस तरह का पोस्ट करने से बचें
किसी भी जाति विशेष, धार्मिक भावनाओं से जुड़ी हुई कोई भी ऐसी पोस्ट न करें जिससे लोगों की आस्था को ठेस पहुंचे। यदि कोई परिचित पोस्ट करता है तो उस पर बिना सोचे-समझे कमेंट्स न करें। पोस्ट डालने वाले और भड़काऊ कमेंट्स करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। इंटरनेट मीडिया की निगरानी के लिए टूल्स हैं। फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम की निगरानी हैशटैग और की-वर्ड से की जाती है। क्योंकि किसी भी मैसेज को फैलाने के लिए लोग की-वर्ड या फिर हैशटैग करते हैं।
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