नई दिल्ली। देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रकिया के चलते उम्मीदवार चयन को लेकर प्रमुख विपक्षी दलों के बीच मंथन के लिए लगातार बैठकें की जा रही है। बीते दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बैठक बुलाई थीं, लेकिन इस बैठक में आम आदमी पार्टी सहित और कई विपक्षी दल शामिल नहीं हुए और राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को लेकर सहमति नहीं बन पाई। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार पर चर्चा के लिए विपक्षी दल 21 जून को फिर बैठक करेंगे। इस बार बैठक की अध्यक्षता राकांपा प्रमुख शरद पवार करेंगे। कांग्रेस विपक्ष एकजुटता के खातिर अन्य दलों के साथ सुर में सुर मिलाने को तैयार है।

कांग्रेस किसी उम्मीदवार को आगे नहीं कर रही है, जो भी विपक्षी दल मिलकर पसंद करेंगे, कांग्रेस उसी उम्मीदवार को अपना समर्थन देंगी।
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने 15 जून को ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में यह बात कही कि विधानसभा चुनाव में कई पार्टियां एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं, लेकिन यह चुनाव बहुत अधिक मूल्यवान है, हम एक बड़े उद्देश्य के लिए यहां आए है और इस भावना को जारी रहने दें। कांग्रेस के पीछे हटने का कारण विपक्षी एकता है, क्योंकि टीआरएस जैसी पार्टियों ने साफ तौर पर कहा है कि वे कांग्रेस के साथ कोई बैठक नहीं करेंगे। सूत्रों का कहना है कि मंगलवार को होने वाली बैठक में 17 दल शामिल होंगे।
शरद पवार द्वारा चुनाव से दूरी बनाने के बाद पार्टियों को उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनानी होगी। विपक्षी दलों ने 15 जून को हुई बैठक में राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार उतारने का फैसला किया था। कांग्रेस सत्ताधारी भाजपा को कड़ी चुनौती देने के लिए विपक्ष पर संयुक्त उम्मीदवार तय करने को लेकर जोर दे रही है।

कांग्रेस ने कहा कि उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो संविधान, उसके मूल्यों, सिद्धांतों और प्रावधानों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हो, यह गारंटी देने के लिए प्रतिबद्ध हो कि हमारे लोकतंत्र की सभी संस्थाएं बिना किसी डर या पक्षपात के काम करें, हमारे सभी के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हो।

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