नई दिल्ली। देश में उपराष्ट्रपति (Vice President) पद के लिए चुनाव 6 अगस्त को होगा. इस बावत चुनाव आयोग (Election Commission) ने सूचना जारी कर दी है। जिसके तहत उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 5 जुलाई को अधिसूचना जारी होगी। इसी के साथ एनडीए और विपक्षी दलों में उम्मीदवारी को लेकर मंथन शुरू हो गया है।


एनडीए की ओर से अल्पसंख्यक वर्ग में नकवी का पलड़ा भारी
सूत्रों के मुताबिक उपराष्ट्रपति पद के प्रमुख दावेदारों में बीजेपी नेतृत्व दो बातों पर विशेष जोर दे रही है। बीजेपी आला नेताओं का मानना है कि उपराष्ट्रपति दक्षिण भारत से या अल्पसंख्यक वर्ग से बनाया जा सकता है।
अल्पसंख्यक वर्ग में प्रमुखता से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम शामिल है। मुस्लिम समुदाय से आने वाले इन दोनों नेताओं के अलावा सिख समुदाय से केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पूरी और माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष इकबाल सिंह लालपुरा का नाम भी शामिल है।
जानकारों के मुताबिक योग्यता के लिहाज से मुख्तार अब्बास नकवी का पलड़ा भारी है, नकवी ने बीजेपी सॉफ्ट चेहरे के तौर सालों से अपना मुकाम हासिल किया है जो सभी दलों को सूट कर सकते हैं। बतौर संसदीय कार्यमंत्री उन्होंने फ्लोर मैनेज करने का काम सालों तक किया है इसके लिए सभी दलों के प्रमुख नेताओं से उनका संबंध बेहतर रहा है।
जानकारों का कहना है कि शैक्षणिक योग्यता में आरिफ मोहम्मद खान भले ही आगे हों, लेकिन संसद चलाने में या सामंजस्य बिठाकर चलने में नकवी का पलड़ा भारी है।
दक्षिण भारत से तीन नाम भी दौड़ में शामिल
वहीं दक्षिण भारत से 3 नामों पर प्रमुखता से विचार किया जा रहा है. इसमें मूलतः तमिलनाडु की रहने वाली और अनुसूचित जाति से आने वाली तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौन्दराजन और तमिलनाडु से ही ब्राह्मण वर्ग से आने वाले मणिपुर के राज्यपाल ला गणेशन का नाम शामिल है।
साथ ही मेघालय के राज्यपाल और मूलतः तेलंगाना के निवासी हरिबाबू खंबापति का नाम की चर्चा भी जोरों पर है, चूंकि तेलंगाना बीजेपी के लिए चुनावी रूप से महत्वपूर्ण राज्य है लिहाजा हरिबाबू के नाम को भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है।