रायगढ़। खदानों से कोयला लेकर निकली गाड़ियों में “पलटी” का खेल अब भी चल रहा है। ये गाड़ियां खदान से अच्छा कोयला लेकर निकलतीं हैं, मगर बिजली कारखाना पहुंचने तक इस कोयले में मिलावट कर दिया जाता है। ऐसी ही 3 गाड़ियों को जिंदल प्रबंधन की सूचना पर पुलिस ने जब्त कर लिया है, मगर पुलिस यह पता नहीं लगा पा रही है कि इस तरह का मिलावटी कोयला आया कहाँ से ?

रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र में एक बार फिर तमनार जाने वाले कोयले में मिलावट का मामला सामने आया है। कंपनी गेट पर तीन गाडिय़ों को गार्ड्स ने रोककर जांच की। कोयला खराब दिखा तो तमनार पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने तीन गाड़ियों को जप्त किया है।

कोल डिपो की बड़ी भूमिका
खदानों से प्लांट में पहुंचने के पहले कोयला लोडेड गाड़ियों का किसी कोल डिपो में रुकना जैसे सामान्य सी बात हो गई है। इन्हीं डिपो में कोयला “पलटी” का खेल चलता है। इन अवैध कोल डिपो में अच्छी क्वालिटी का कुछ टन कोयला निकल कर उसमे ख़राब कोयला या कोयले की तरह दिखने वाला दूसरा पदार्थ मिला दिया जाता है।
जिंदल पावर लिमिटेड में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जेपीएल में तीनगाड़ियां कोयला लेकर पहुंचीं। गेट पर सिक्युरिटी गार्ड ने चेकिंग की। कोयले में मिलावट नजर आया तो उन्होंने अधिकारियों को सूचना दी। प्लांट प्रबंधन ने कोयले की गुणवत्ता डीओ के हिसाब से नहीं होने पर तुरंत तमनार पुलिस को सूचना दी। टीआई तमनार ने तीनों गाड़ियों को जप्त कर लिया है लेकिन अभी तक पुलिस को भी यह पता नहीं चला है कि कोयला किस खदान का है !

कौन है ट्रांसपोर्टर…?
कोयला लदी गाड़ी में डीओ और टीपी में पूरी डिटेल होती है मगर तमनार टीआई का कहना है कि अभी उन्हें कुछ भी पता नहीं चल सका है। केवल गाडिय़ों को जप्त किया गया है, हालांकि गाड़ी में मिली टीपी को देखने पर पूरा पता चल जाता है कि कोयला किस खदान से निकला है और किस ट्रांसपोर्टर को डीओ मिला था। ड्राइवर ने गाड़ी को किस
डिपो में खाली किया था, यह भी पुलिस पता नहीं लगा सकी है। मामला बहुत संदेहास्पद है और कहा जा रहा है कि पुलिस अगर निष्पक्ष जांच करे तो कुछ नया खुलासा हो सकता है।
Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्राम, कू और वॉट्सएप, पर…