
विशेष संवादाता, रायपुर
ईडी की गिरफ्त में हैं। 2009 बैच के IAS अधिकारी समीर विश्नोई। उन्हें इस साल जनवरी में चिप्स का CEO बनाया गया था। सितंबर में उन्हें मार्कफेड के प्रबंध संचालक की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। फ़िलहाल केंद्र सरकार की जांच एजेंसी ED ने 11 अक्टूबर की सुबह प्रदेश भर में छापा डाला था। इस दौरान उनसे 20 कैरेट का हिरा, 4 किलो सोना और 47 लाख रूपये नकदी जब्त की गई थी। तभी से ईडी की रिमांड पर वो हैं।
उनकी रिमांड कल 21 अक्टूबर को ख़त्म होने वाली है। ऐसे में उनकी मुसीबत काम होगी और वो आज़ाद होने या फिर ईडी उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लेगी यह सवाल उठने लगा है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीदी मार्कफेड के जरिए होती है। इस साल पहली बार एक नवम्बर से इसकी शुरुआत हो रही है। समीर विश्नोई मार्कफेड के प्रबंध संचालक हैं। वे एक सप्ताह से ED की हिरासत में हैं।

ऐसे में वहां व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इसलिए भी राज्य सरकार आईएएस बिश्नोई को निलंबित नहीं की है बस उनका प्रभार अन्य को सौंपा गया है। शासन को उम्मीद है कि IAS बिश्नोई को यदि से रहत मिल जाएगी। लेकिन इसकी कितनी उम्मीद है ? यह कल शुक्रवार को ईडी और स्पेशल कोर्ट पर निर्भर करता है।
इसलिए जानकारों का कहना है कि समीर विश्नोई को अभी मार्कफेड के एमडी पद से हटाया नहीं गया है। यही वजह है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश में अंतरिम तौर पर अतिरिक्त प्रभार का उल्लेख किया है। आईएएस रितेश अग्रवाल अब पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी के साथ चिप्स के सीईओ की जिम्मेदारी संभालेंगे। जबकि आईएएस के निलंबन के लिए विपक्षी पार्टी भाजपा मांग कर रही है।
ईडी ने जुटा लिया है कई प्रुफ
सूत्रों के मुताबिक 8 दिनों की रिमांड में आईएएस समीर बिश्नोई, लक्ष्मीकांत तिवारी और कारोबारों सहयोगी सुनील अग्रवाल से ED पूछताछ में पर्याप्त रिपोर्ट बनाई है। रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू उनके मायके वालों की जांच में भी ईडी को कामयाबी मिली है। बरामद दस्तावेजों, कैश, बेहिसाब संपत्ति समेत मणि लॉन्ड्रिंग मामलों में ईडी के पास इतने सबूत हाथ में हैं कि कल ईडी स्पेशल कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड के लिए भी प्रयास कर सकती है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि तीनों की रिमांड अवधि बढ़ने के साथ साथ कुछ ख़ास लोगों को भी पूछताछ के लिए ईडी उठा सकती है। ट्रांजिट रिमांड में ईडी की टीम दिल्ली या मुंबई भी लेकर जा सकती है। यह कहा जा सकता है कि दिवाली में अफसरों, कारोबारियों और चंद हाई प्रोफाइल फरार लोगों के खिलाफ सख्त फैसले ले सकती है।