SARKANDA THANA

बिलासपुर। शहर में संचालित SKY अस्पताल के मैनेजर ने भाई पर हमला करने के आरोपी को जेल भिजवाने के लिए फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बना दी। इससे साधारण मारपीट का केस हत्या के प्रयास में बदल गया और आरोपी को जेल हो गई। मामले की शिकायत होने पर जांच हुई और फर्जीवाड़ा उजागर हो गया, जिसके बाद पुलिस ने अपराध दर्ज किया है।

इस तरह रचा गया षड्यंत्र

दरअसल SKY अस्पताल के मैनेजर अंकित दुबे के भाई उत्कर्ष दुबे का सरकंडा के शक्ति सिंह राजपूत के साथ सिविल लाइन क्षेत्र के राजेंद्र नगर में विवाद हुआ था। इस दौरान उत्कर्ष को साधारण चोट आई थी। जब शक्ति सिंह को जेल भेजा गया तब उसकी मां कांगेस नेत्री आशा सिंह शहर से बाहर थी। लौटने के बाद उन्होंने अपने बेटे के जेल जाने के बारे में जानकारी ली। उन्हें पता चला कि 10 माह पहले हुई मारपीट की घटना में शक्ति सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास की धारा 307 आईपीसी लगाकर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

शक्ति सिंह

आशा सिंह ने जानकारी जुटाई तब पता चला कि स्काई हॉस्पिटल के डॉक्टरों की ओर से जारी मेडिकल रिपोर्ट सिविल लाइन थाने में जमा कराई गई, जिसमें उस पर उत्कर्ष दुबे को प्राणघातक चोट पहुंचने की बात कही गई थी। तब आशा सिंह ने सिविल लाइन थाने में तथा पुलिस के उच्चाधिकारियों से शिकायत की और आरोप लगाया कि फर्जी मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर उनके बेटे को जेल भेजा गया है। तब यह मामला मीडिया की सुर्खियां बना और आशा सिंह ने पुलिस पर भी मिली भगत का आरोप लगाया।

डॉक्टरों ने अपना हस्ताक्षर होने से किया इंकार

आरोपी शक्ति सिंह की मां आशा सिंह की शिकायत पर जब मामले की जांच शुरू हुई तब हलचल मची। यहां के सरकंडा थाने में विवेकानंद अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार कृष्णानी ने फर्जी मेडिकल रिपोर्ट बनाने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि उनके फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल रिपोर्ट तैयार किया गया है। उनके साथ ही अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव सखूजा ने भी मेडिकल रिपोर्ट में अपने हस्ताक्षर को फर्जी तरह से करने की शिकायत की।

उत्कर्ष दुबे और अंकित दुबे

डॉक्टर ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने कोई क्यूरी रिपोर्ट नहीं दी थी। उक्त शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस की जांच की, तब पता चला कि घायल उत्कर्ष दुबे का भाई अंकित दुबे SKY अस्पताल में मैनेजर था। डॉक्टर ने बताया कि उनके और डॉक्टर राजीव सखूजा के फर्जी हस्ताक्षर से मेडिकल रिपोर्ट बनाई गई है। इसमें रेडियोलाजिस्ट प्रभुदत्त साहू के भी फर्जी हस्ताक्षर हैं। हैरानी की बात है कि जब मेडिकल रिपोर्ट तैयार किया गया, उस समय अस्पताल ही बंद हो गया था।

पुलिस ने जांच के बाद उत्कर्ष दुबे, अंकित दुबे व SKY अस्पताल प्रबंधन सहित अन्य के खिलाफ धारा 120 (बी), 420, 467, 468, 471 के तहत केस दर्ज कर लिया है, हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी की जानकारी नही मिली है।

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