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कवर्धा। छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल की एक पुस्तक में शामिल पाठ पर ज्योतिष मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने नाराजगी जाहिर की है। उनका कहना है कि पाठ्य पुस्तक में साधु के वेश में ही ठग बताया जाना किसी साजिश की ओर इंगित करता है। ऐसा करके बच्चों के मन में गलत भावना भरी जा रही है।

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा जिले के 2 दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हुए थे। उन्होंने छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल की पांचवीं कक्षा की किताब का एक पन्ना भरी सभा में फाड़ दिया। स्वामी ने लोगों से अपील की कि इस पन्ने में जो लिखा है उसका विरोध करें और इसकी शिकायत करें।

क्या है इस पाठ में…

छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल द्वारा प्रकाशित कक्षा 5वीं की पुस्तक में “चमत्कार” नाम से पाठ में एकांकी लिखी है, जिसमे मामूली सी बीमारी को जादू-टोने या मंत्र शक्ति से दूर करने की बात बता कर लोगों को भ्रमित करने का पर्दाफाश किया गया है। इस एकांकी के पात्रों का परिचय देते हुए “स्वामी – साधु की वेशभूषा में एक कपटी व्यक्ति” का उल्लेख किया गया है। इन बातों को लेकर अब एक नया विवाद खड़ा हो गया है। इस पाठ का विरोध व्यक्त करते हुए ज्योतिष मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने पुस्तक के पन्नों को भरी सभा में फाड़ दिया। स्वामी ने ऐसा कहते हुए इसका विरोध करने के साथ ही कानूनी लड़ाई लड़ने की भी बात कही।

साधु ही ठग के रूप में आते हैं, यह कहना गलत

शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद कवर्धा जिले के ग्राम जुनवानी में आयोजित यज्ञ कार्यक्रम की सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कहा कि एक नियोजित तरीके से छोटे बच्चों के मन में साधुओं के प्रति विरोध भरा जा रहा है। उन्होंने कहा कि ठग साधु स्वामी वेश में ही नहीं कई रूप में आते हैं। क्यों उसका उल्लेख नहीं किया गया ? ये गलत है। शंकराचार्य ने कहा कि सबसे पहले इस पाठ को इस पाठ्य पुस्तक से अलग किया जाना चाहिए। साथ ही जो इसके लेखक हैं और जो इस पाठ को इस पाठ्य पुस्तक में शामिल कराने वाले हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। देखिये VIDEO :

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