नई दिल्ली : केंद्र सरकार की से थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी कर दिए गए हैं। हंगाई के मोर्चे पर अच्छी खबर है। खुदरा महंगाई के बाद थोक महंगाई में भी अप्रैल में गिरावट आई है। मुद्रास्फीति इस साल अप्रैल में घटकर -0.92 प्रतिशत रह गई, जो इस साल मार्च में 1.34 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित खाद्य मुद्रास्फीति अप्रैल में घटकर 0.17 प्रतिशत पर आ गई, जो मार्च में 2.32 प्रतिशत थी। जुलाई 2020 के बाद यह पहला मौका है जब थोक महंगाई नकारात्मक स्तर पर पहुंच गई है। थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई में लगातार 11 महीनों से गिरावट जारी है और अप्रैल में यह शून्य से नीचे चली गई। इससे पहले जून 2020 में डब्ल्यूपीआई महंगाई शू्न्य से 1.81 प्रतिशत नीचे थी।

ईंधन की कीमतों में कमी, खाद्य पदार्थों और खनिज तेलों की कीमतों में भी राहत
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार ईंधन, बिजली और विनिर्मित उत्पादों की थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में क्रमश: 0.93 प्रतिशत और -2.42 प्रतिशत रही। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में गिरावट बुनियादी धातुओं, खाद्य उत्पादों, खनिज तेलों, कपड़ा, गैर-खाद्य वस्तुओं, रसायन और रासायनिक उत्पादों, रबर और रबर उत्पादों और कागज और कागज उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है।

कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्ट्री की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक मेटल, फूड प्रोडक्ट, मिनरल ऑयल, टेक्सटाइल, प्लास्टिक प्रोडक्ट, केमिकल, रबर प्रोडक्ट और पेपर प्रोडक्ड में महंगाई में कमी आई है।