ARJIWADA SHIKAYAT 2

0 आरोपियों में खाद्य मंत्री भगत का कथित निज सहायक, जनपद उपाध्यक्ष और उप सरपंच शामिल 0 ग्रामीणों की शिकायत पर हुई कार्यवाही

सरगुजा। जिले के बतौली विकासखंड के कुछ गांवों में खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के कथित निज सहायक और अन्य कई लोगों ने इलाके के पटवारी और कानूनगो के साथ मिलकर सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी की और कई एकड़ जमीन की रजिस्ट्री करा ली। ग्रामीणों की शिकायत के बाद जांच हुई और अब जाकर कुल 19 लोगों के खिलाफ षड्यंत्र, फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया गया है।

सरकारी जमीन के इस गड़बड़-झाले में ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत बतौली के उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ‘पालू’, उनके भाई अनूप गुप्ता, भाजपा नेता और ग्राम भटको के उप सरपंच शशांक गुप्ता, कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के कथित निज सहायक रहे भूपेंद्र यादव उनके पिता रामानंद यादव और भाई हेमंत यादव के साथ कई नामचीन व्यक्ति भी संलिप्त पाए गए हैं। जिनके खिलाफ सरगुजा जिले के बतौली तहसीलदार ईश्वर चंद यादव ने 3 FIR दर्ज कराये हैं।

शासकीय जमीन का पट्टा बनाकर कराई रजिस्ट्री

इस बड़े घोटाले में पहला मामला ग्राम देवरी का है, जहां पटवारी और कानूनगो सहित 5 लोगो के खिलाफ FIR दर्ज है, जिसमे तहसीलदार ने अपनी शिकायत में बताया है कि ग्रामीणों ने शासकीय जमीन को फर्जीवाड़ा करके पट्टा बनाया और एक के नाम पर दर्ज करते हुए दूसरे के नाम पर बिक्री करते हुए रजिस्ट्री करा दी। बताया गया कि ग्राम देवरी की 1.173 हेक्टेयर जमीन को पटवारी कंचराम पैंकरा और कानूनगो जॉन बड़ा से मिलीभगत करके पहले खीरुदास गुप्ता के नाम पर पट्टा जारी किया गया, फिर अनिल कुमार गुप्ता को आम मुख्तियार बनाते हुए देवेंद्र कुमार गुप्ता को बेचा और रजिस्ट्री करा दिया गया। इस मामले में पटवारी कंचराम पैंकरा की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आयी जिसने अधिकारी की सहमति के बिना ही दस्तावेजों में हेराफेरी की। बतौली पुलिस ने इस फर्जीवाड़े में शामिल कुल 5 लोगों के खिलाफ धारा 120 बी,420, 467, 468, और 471 के तहत FIR दर्ज किया।
बता दें कि इस मामले दौरान ही फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद पटवारी कंचराम पैंकरा को निलंबित कर दिया गया था।

नामांतरण के प्रयास के दौरान हुआ खुलासा

तहसीलदार बतौली के द्वारा दर्ज दूसरे मामले में 4 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। यह मामला ग्राम कालीपुर का है, और इस फर्जीवाड़े का खुलास तब हुआ जब संबंधित जमीन के नामांतरण के लिए खरीददार द्वारा आवेदन किया गया था। जहां की 2.02 हेक्टेयर जमीन पट्टा पहले बैगिन लोहार के नाम पर बनाया गया। फिर उस जमीन को अमित कुमार गुप्ता को बेचते हुए रजिस्ट्री करा दिया गया। इस फर्जीवाड़े में भी शासकीय सेवक पटवारी कंचराम पैंकरा और कानूनगो जॉन बड़ा की प्रमुख भूमिका रही। जांच में मामला उजागर होने के बाद कुल 4 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का जुर्म दर्ज किया गया।

हौसला बढ़ा तो कइयों को बेच दी सरकारी जमीन

इस हेराफेरी का सबसे बड़ा मामला ग्राम भटको करदना में उजागर हुआ। जहां पटवारी और कानूनगो से मिलीभगत करके कई एकड़ जमीन लगभग 15 लोगों को बेच दी। इस मामले में भी वही तरीका अपनाया गया। सरकारी जमीन को कुछ लोगों के नाम पर पट्टा देकर आबंटित कर दिया गया। फिर उन जमीनों को बेच दिया गया। इस मामले में भी ग्रामीणों द्वारा फर्जी तरीके से बनाये गए सरकारी पट्टे को निरस्त करने की मांग की गई। जांच में सारा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ और कुल 19 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया। इन सभी के नाम FIR की प्रति में हैं :

घोटाले का ये है मास्टरमाइंड…

सरगुजा के बतौली तहसील के तीन गांवों इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड अमित गुप्ता पिता माखन लाल गुप्ता नजर आ रहा है, क्योंकि अधिकांश जमीनों के कथित पट्टेदारों का आम मुख्तियार याने पॉवर ऑफ़ अटॉर्नी अमित गुप्ता ही बना और उसने जमीन दूसरों को बेच दी। वहीं जमीन खरीदने वालों में भी अधिकांश गुप्ता सरनेम के हैं, जो अमित गुप्ता के परिवार के ही हैं।

बेजा कब्ज़ा की जमीन का धान सरकार को बेचा

इस मामले का सबसे महत्वपूर्ण पहलु यह है कि शासकीय मद की भूमि को फर्जी तरीके से अपने नाम करा कर अवैधानिक कृत्य करने वालों ने जमीन पर कब्जे के बाद उस पर धान की खेती की और आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सेदम, खंडधोवा में लाखों रुपए का धान बेच कर सरकारी योजना का लाभ उठाया। यह अवैधानिक है।

रसूख का इस्तेमाल कर किया फर्जीवाड़ा

आदिवासी बाहुल्य जिले सरगुजा में जमीनों के फर्जीवाड़े के अनेक किस्से हैं। वर्तमान में जिन मामलो में FIR दर्ज है, उसमे शामिल लोगों के रसूख का ही असर था कि ग्रामीणों की बार-बार की शिकायत के बावजूद मामले की जांच नहीं की जा रही थी। आखिरकार जब ग्रामीणों ने प्रशासन का घेराव किया तब जाकर इन मामलो की जांच शुरू की गई। आरोपियों में मंत्री अमरजीत भगत के निज सचिव कहे जाने वाले भूपेंद्र यादव भी शामिल हैं, जो पेशे से सरकारी शिक्षक हैं और उन्हें मंत्री जी के बतौली स्थित कार्यालय में संलग्न किया गया था। बताया जाता है कि कुछ माह पहले मंत्री जी ने यादव को हटा दिया था। इसके अलावा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत बतौली के उपाध्यक्ष प्रदीप गुप्ता पालू ,उनके भाई अनूप गुप्ता, भाजपा नेता और ग्राम भटको सरपंच शशांक गुप्ता, कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के कथित निज सहायक रहे भूपेंद्र यादव उनके पिता रामानंद यादव और भाई हेमंत यादव के साथ कई नामचीन व्यक्ति भी संलिप्त पाए गए हैं।

अब देखना है कि इन तीनों मामलों में सरगुजा पुलिस कब तक दोषियों पर कार्रवाई करती है, और प्रशासन कब तक सरकार की जमीन को इनके कब्जे से छुड़ाता है।