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मानपुर। पुलिस ने यहां पूर्व सहायक आरक्षक की हत्या की गुत्थी शव निकालने के 24 घंटे के भीतर सुलझा ली है। पुलिस ने इस वारदात में शामिल सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुरानी पारिवारिक रंजिश की वजह से चचेरे भाइयों व अन्य रिश्तेदारों ने हत्या कर शव को नदी की रेत में दबा दिया था, वहीं पुलिस को गुमराह करने के लिए नक्सलियों द्वारा हत्या की कहानी बना रहे थे।

घर से उठाकर ले गए थे रिश्तेदार

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक 19 मई को ग्राम घोटियाकन्हार के डुड्डा (कहुआ) नाला में अज्ञात पुरुष का शव रेत में ढका हुआ मिला था। मर्ग जांच के दौरान मृतक की पहचान घोटियाकन्हार, थाना औंधी, निवासी बिरझुराम दुग्गा पिता दानचुराम दुग्गा (40 वर्ष) के रूप में हुई। मृतक के बच्चों पंकज दुग्गा और करीना दुग्गा ने बताया कि 8 मई को रात में सोते समय गांव के बिरसूराम दुग्गा, अनिल दुग्गा, मानिक राम उर्फ सुनील दुग्गा और कुछ अन्य लोग आए और उनके पिता जी के मुंह में रूमाल ठूंसकर दोनों हाथ को पीछे से और गले में रस्सी से बांधकर घर से बाहर ले गए थे। बच्चों के कथन के आधार पर संदेही आरोपियों से पूछताछ की गई, जिसमें आरोपी सुनील दुग्गा ने अपने साथियों के साथ बिरझूराम की हत्या करना स्वीकार किया।

आतंक से परेशान होकर की हत्या

पूछताछ में पता चला कि ग्राम पटेल एवं ग्रामीणों को मृतक द्वारा शराब पीकर मारपीट करते हुए परेशान किया जाता था। यही वजह थी कि ग्राम पटेल ने मृतक के परिवार के लोगों को मृतक बिरझूराम को गांव से बाहर निकालने या हत्या करने के लिए एक राय होकर योजना बनाई थी। आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त एक फावड़ा, एक सब्बल, एक गैती, दो नायलान रस्सी को जब्त किया गया। मामले में आरोपी मानिक राम उर्फ सुनील दुग्गा (20 वर्ष), अनिल कुमार दुग्गा (24 वर्ष), मनेश दुग्गा पिता नस्सी राम दुग्गा (25 वर्ष), दशरथ दुग्गा पिता गनचूराम दुग्गा (25 वर्ष), बिरसुराम दुग्गा पिता मानचुराम (50 वर्ष), केयराम दुग्गा पिता गनचूराम (50 वर्ष) और रामसाय दुग्गा पिता आलसूराम दुग्गा (60 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया है. सभी आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया।

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